कोविड काल (मार्च २०२० से) में अपने माता–पिता या दोनों में से किसी एक को खोने वाले बच्चों के जीवन को संवारने के लिए तैयार मÙख्यमंत्री बाल सेवा योजना को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के साथ ही उसे धरातल पर उतारने में महिला एवं बाल विकास विभाग पूरी मुस्तैदी से जुट गया है। चिन्हित बच्चों की लिस्टिंग समेत पात्रता की शतोंर् और अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय कर दी गयी है। इस तत्परता का मूल उद्देश्य परेशान बच्चों को तत्काल मदद पहुचाना और उनको गलत हाथों में जाने से बचाना है। इस योजना के तहत अनाथ हÙए बच्चों के भरण–पोषण‚ शिक्षा‚ चिकित्सा आदि की व्यवस्था का पूरा ध्यान रखा गया है॥। महिला कल्याण निदेशक मनोज कुमार राय के मुताबिक योजना में शून्य से १८ साल के ऐसे बच्चे शामिल किये जायेंगे जिनके माता–पिता दोनों की की मृत्यु कोविड-19 के कारण हो गई हो,, मुख्यमंत्री बाल योजना एक मार्च २०२० से पहले हो गय थी ओैर दूसरे की मृत्यÙ कोविड काल में हो गयी अथवा दोनों की मौत एक मार्च २०२० से पहले हो गयी थी और वैध संरक्षक की मृत्यÙ कोविड काल में हो गयी। इसके अलावा जिनके माता–पिता में से किसी एक की मृत्यÙ कोविड काल में हो गयी हो और वह परिवार का मÙख्य कर्ता हो और वर्तमान में जीवित माता या पिता सहित परिवार की आय दो लाख रुûपये प्रतिवर्ष से अधिक न हो‚ को भी योजना में शामिल किया गया है। इसके लिए लाभार्थी का यूपी का मूल निवासी होना अनिवार्य है। एक परिवार के सभी (जैविक तथा कानूनी रूप से गोद लिए गए) बच्चों को योजना का लाभ मिल सकेगा। कोविड से मृत्यÙ के साIय के लिए एंटीजन या आरटीपीसीआर की पाजिटिव टेस्ट रिपोर्ट‚ ब्लड रिपोर्ट या सीटी स्कैन में कोविड–१९ का इन्फेक्शन होना माना जा सकता है। इसके अलावा कोविड मरीज की विभिzा परिस्थितियों में टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी पोस्ट कोविड जटिलताओं के चलते मृत्यÙ हो सकती है। यह मृत्यÙ भी कोविड की वजह से ही मानी जायेगी। ॥ योजना के तहत मिलने वाला लाभः योजना में शून्य से १० साल के बच्चों के वैध संरक्षक के बैंक खाते में ४००० रूपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। जो पूरी तरह अनाथ बच्चे बाल संस्थाओं में आवासित कराये गए हों‚ उनको कक्षा छह से १२ तक की शिक्षा के लिए अटल आवासीय व कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में प्रवेश कराया जाएगा। इसी तरह ११ से १८ साल के बच्चों की कक्षा–१२ तक की मÙफ्त शिक्षा भी इन विद्यालयों में दी जाएगी। ऐसे वैध संरक्षक को विद्यालयों की तीन माह की अवकाश अवधि के लिए बच्चे की देखभाल हेतÙ प्रतिमाह ४००० की दर से १२००० रूपये दिए जायेंगे। यदि संरक्षक इन विद्यालयों में प्रवेश नहीं दिलाना चाहते हों तो बच्चों की देखरेख और पढ़ाई के लिए उनको १८ साल का होने तक या कक्षा–१२ की शिक्षा पूरी होने तक ४००० रूपये की धनराशि दी जायेगी। बशर्ते बच्चे का किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में प्रवेश दिलाया गया हो। योजना के तहत चिन्हित बालिकाओं की शादी के योग्य होने पर शादी के लिए एक लाख एक हजार रूपये दिए जायेंगे। ॥ कक्षा–९ या इससे >पर की कक्षा में अथवा व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे १८ साल तक के बच्चों को टैबलेट/लैपटॉप की सÙविधा दी जाएगी। ऐसे बच्चों की चल–अचल संपत्तियों की सÙरक्षा के प्रबंध होंगे। ॥ योजना का लाभ लेने के लिए आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन करना होगा। ॥ ॥
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