मुंशी-मौलवी की परीक्षा में अब 14 वर्ष से कम उम्र के छात्र शामिल नहीं हो सकेंगे।

गोरखपुर : उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड की मुंशी-मौलवी की परीक्षा में अब 14 वर्ष से कम उम्र के छात्र शामिल नहीं हो सकेंगे। यही नहीं तय समय में कोर्स न पूरा करने वाले को नए सिरे से आवेदन करना होगा। बोर्ड ने यह फैसला ऐसे समय पर लिया है, जब परीक्षार्थियों की संख्या साल दर साल कम होती जा रही है। आंकड़ों के मुताबिक बीते पांच वर्ष में परीक्षार्थियों की संख्या करीब 60 फीसद तक कम हुई है।

मदरसा शिक्षा बोर्ड की नई गाइडलाइन के मुताबिक मुंशी-मौलवी (हाईस्कूल) के परीक्षार्थी की उम्र 31 मार्च 2021 को 14 साल या इससे अधिक होनी चाहिए। इसके अलावा मुंशी-मौलवी एवं अलिम/सीनियर सेकेंड्री (इंटरमीडिएट) के दो वर्षीय कोर्स को चार वर्ष, कामिल (बीए) के तीन वर्षीय कोर्स को छह वर्ष तथा फाजिल (एमए) के दो वर्षीय कोर्स को चार साल के भीतर पूरा करना होगा। बोर्ड ने परीक्षा में प्रश्नपत्रों की संख्या भी घटाई है।
प्राइवेट फार्म भरने वाले छात्रों की संख्या में कमी आई है। ऐसा इसलिए कि मदरसा बोर्ड के साथ-साथ यूपी बोर्ड की भी परीक्षा होती है और प्राइवेट फार्म भरने वाले बच्चे यूपी बोर्ड को प्राथमिकता देते हैं।
-डा.रफीउल्लाह बेग, प्रधानाचार्य, मदरसा दारुल अंजुमन इस्लामियां

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