मदरसा बोर्ड ने प्रदेश के 30 जिलों में 56 अनुदानित मदरसों को चिन्हित करते हुए सख्ती दिखायी है और सभी मदरसों का वेतन रोकने के आदेश दे दिए

सरकार से अनुदान पाने वाले मदरसे खुलकर लापरवाही कर रहे हैं। मदरसों को अनुदानित श्रेणी में डालने के लिए मदरसा बोर्ड की प्राथमिक शर्त है कि मदरसे अनिवार्य रूप से न सिर्फ सोसाइटी एक्ट में पंजीकृत हों बल्कि समय पर पंजीकरण का नवीनीकरण भी हो। ऐसा नहीं होने पर न सिर्फ वेतन रोका जा सकता है बल्कि मदरसे की मान्यता भी बोर्ड द्वारा छीनी जा सकती है। मदरसा बोर्ड ने प्रदेश के 30 जिलों में 56 अनुदानित मदरसों को चिन्हित करते हुए सख्ती दिखायी है और सभी मदरसों का वेतन रोकने के आदेश दे दिए हैं। मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार का पत्र सभी अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों के पास पंहुच गया है। इन 56 मदरसों में से कुछ ऐसे मदरसे हैं जिनकी मान्यता को खत्म हुए एक और दो साल तक हो चुके हैं। इस लापरवाही को देखते हुए मदरसा बोर्ड ने सख्त कदम उठाते हुए तत्काल वेतन पर रोक लगा दी है। सोसाइटी एक्ट के अन्तर्गत संचालित मदरसों का अगर नवीनीकरण नहीं होता है तो ये मदरसा बोर्ड की मान्यता देने और उसे बनाए रखने की शर्त का साफ उल्लंघन हैं।

-30 जिलो के मदरसों का नहीं हुआ नवीनीकरण

उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड ने पंजीकरण का नवीनीकरण नहीं कराने वाले जिन मदरसों की सूची जारी की है। उनमें प्रदेश के 30 जिले ऐसे हैं जहां 56 मदरसों का पंजीकरण नहीं हुआ है। सबसे ज्यादा वाराणसी के 9 अनुदानित मदरसे हैं। जिनके पंजीकरण का नवीनीकरण नहीं हुआ है। इसके साथ ही अयोध्या, अमरोहा, संतकबीर नगर, गाजीपुर, मेरठ, गोरखपुर, मेरठ, कन्नौज, फतेहपुर, अम्बेडकर नगर, आजमगढ़, जौनपुर, कानपुर देहात, कानपुर नगर, हरदोई, देवरिया, मऊ, बदायुं, प्रयागराज, बिजनौर, मिर्जापुर, सुल्तानपुर, बहराइच, बाराबंकी, भदोही, लखनऊ, बुलंदशहर और रामपुर, के मदरसों का चिन्हित किया गया है। जहां ऐसे अनुदानित मदरसे है जिनके सोसाइटी पंजीकरण नवीनीकरण नहीं हुआ है।

-नवीनीकरण बेहद आवश्यक

प्रयागराज के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी एसपी तिवारी ने कहा कि अनुदानित मदरसों का समय पर नवीनीकरण होना अनिवार्य है। ये साफ तौर से मदरसा प्रबंधन की लापरवाही है। प्रयागराज में 7 अनुदानित मदरसे सूची में थे। उनमें छह मदरसे नवीनीकरण की प्रक्रिया में थे जो पूरी हो गई है। अभी एक मदरसा बचा है। जिसे रिमाइंडर भेजा गया है।

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