केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने सोमवार को प्रेस ब्रीफिंग करते हुए कहा कि
सरकारी नौकरी में तैनात एकल पुरुष कर्मी अपने बच्चों की देखभाल के लिए छुट्टी लेने के हकदार हैं। Advertisements
“एकल पुरुष अभिभावकों” में ऐसे सरकारी कर्मचारी शामिल हैं जो अविवाहित,तलाक शुदा हो
जितेन्द्र सिंह का कहना है कि इस मामले में पहले से आदेश जारी किया जा चुका था।
प्रथम वर्ष चाइल्ड केअर लीव को 100 प्रतिशत लीव सैलरी के साथ प्रयोग किया जा सकता था।
अगले वर्ष इसे 85 प्रतिशत लीव के साथ इस्तेमाल कर पाएंगे।
आदेश पारित हो जाने के बाद भी सुर्खियों में नही आया-
केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा है कि सरकारी कर्मचारियों के जीवन को सुखमय बनाने के लिए सरकार का भरसक प्रयास है।
यह आदेश कुछ वक्त पहले ही आ चुका था लेकिन निजी कारणों के कारण के कारण यह चर्चा में नही आ पाया।
गोद लेने के लिए छूट
समय के साथ पुरुषों में बेटा और बेटी को लेकर सोच में परिवर्तन हुआ है
यहां पर बेटा गोद लेने का अर्थ किसी तरह का भेदभाव नही करना है लेकिन कानून के मद्देनजर सिंगल अभिभावक बेटे को ही अडॉप्ट कर सकते हैं।
हालांकि ऐसे केस अभी ज्यादा नही प्रकाश में आये है लेकिन अडॉप्ट सेंटरों में अडॉप्शन के लिए एकल पुरषों की रेजिस्ट्रेशन संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
कुछ मामलों में पुरुषों को दूसरा बेटा गोद लेने की बात भी सामने आई है।
बच्चे गोद लेने की नियम व शर्त
कानून ने एकल अभिभावक को बच्चा गोद लेने का अधिकार दिया है लेकिन कई नियम व शर्तें भी तय की हैं जो इस प्रकार है
*पेरेंट्स की उम्र 45 वर्ष से अधिक नही होना चाहिए।
*पेरेंट्स और गोद लिए हुए बच्चे की उम्र में लगभग 21 वर्ष का अन्तर होना चाहिए।
*सिंगल फादर केवल बेटा ही गोद ले सकता न कि बेटी
*पेरेंट्स चाहे तो वह एक से अधिक बेटे को गोद ले सकते हैं।