प्रधानाध्यापक समेत 92 शिक्षक अनुपस्थित पाए गए

सरकार के सख्त आदेश के बावजूद भी शिक्षक समय से विद्यालय नहीं पहुंच रहे हैं। बीएसए संतोष कुमार राय के निर्देश पर खंड शिक्षा अधिकारियों ने प्रेरणा पोर्टल के माध्यम से जांच की तो प्रधानाध्यापक समेत 92 शिक्षक अनुपस्थित पाए गए। बीएसए ने सभी से स्पष्टीकरण मांगा है।

जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह द्वारा एक दिन पहले कतरारी विद्यालय का निरीक्षण किया गया, जिसमें एक शिक्षक अनुपस्थित पाई गई। इस बीच बीएसए के निर्देश पर खंड शिक्षा अधिकारी पथरदेवा गोपाल मिश्र, देसही देवरिया महेंद्र प्रसाद, बरहज सुदामा, गौरीबाजार प्रभात चंद्र, रुद्रपुर जया राय, बैतालपुर नवनीत चौबे, भागलपुर सत्यप्रकाश, तरकुलवा अजीत पाल, बनकटा सोनू, देवरिया सदर विजय नारायण, सलेमपुर ब्यास देव, रामपुर कारखाना रोहित पांडेय, भाटपाररानी हरिओम तिवारी एक साथ जांच की।

इसके अलावा जिला पंचायत राज अधिकारी अविनाश कुमार व डीसी ट्रेनिग स्वपनेश कुमार मंगलम ने जांच की। जांच के दौरान प्रधानाध्यापक समेत 92 शिक्षक अनुपस्थित पाए गए। बीएसए ने बताया कि सभी से स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसके बाद विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

शिक्षा के व्यवसायीकरण में जुटी सरकार: उमाशंकर लाल

बरहज: आज प्रदेश सरकार शिक्षा को पूर्ण रूप से व्यवसायिक कर पूंजीपतियों के हवाले करने की साजिश रच रही है। इससे आने वाले समय में शिक्षा एवं शिक्षा का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।

यह बातें गुरुवार को किसान इंटर कालेज कर करजहां में शिक्षकों को संबोधित करते हुए उप्र माशिसं के पूर्व मंडलीय मंत्री एवं संघर्ष समिति के संयोजक उमा शंकर लाल श्रीवास्तव ने कहीं। उन्होंने कहा कि लंबे संघर्ष के बाद प्राप्त उपलब्धियां धीरे-धीरे समाप्त हो रही हैं। शिक्षक सजग एवं एकजुट नहीं रहा तो संभव है कि वेतन वितरण अधिनियम भी सरकार खंडित कर देगी। तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं आज खतरे में है। नियमित, सेवानिवृत्त शिक्षक पेंशन के लिए भटक रहे हैं, क्योंकि उसकी पुरानी सेवाएं को जोड़ा नहीं जा रहा है। गुणवत्ता के नाम पर दोहरी शिक्षा की व्यवस्था उचित नहीं है। शिक्षक को दोहरी व्यवस्था समाप्त होनी चाहिए।

बैठक में तदर्थ शिक्षकों की सेवाओं का नियमितीकरण करने, व्यवसायिक एवं सभी प्रकार के मानदेय पर कार्य करने वाले शिक्षकों को शिक्षक का दर्जा देने, वित्तविहीन शिक्षकों को सम्मानजनक मानदेय देने की सरकार से मांग की गई।

इस दौरान रामनजर यादव, हरिराम यादव, संजीव सिंह, उपेंद्र त्रिपाठी मौजूद रहे

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