निरंतर 2 वर्ष का बाल्य देखभाल अवकाश मान्य

उत्‍तर प्रदेश शासन वित्‍त (सामान्‍य) अनुभाग-2 संख्‍या-जी-2-2017/10-2008-216/79 लखनऊः दि0 08 दिसम्‍बर 2008 कार्यालय -ज्ञाप

विषय – प्रसूति अवकाश की सीमा में वृद्धि तथा बाल्‍देखभाल अवकाश (maternity leave) के सम्‍बन्‍में,

कार्यालय – ज्ञाप संख्‍या -सा-4-394/दस-99-216/79, दि0 04-06-1999 द्वारा स्‍थायी एवं अस्‍थायी महिला सरकारी  सेवकों को 135 दिन का प्रसूति अवकाश मान्‍य किया गया था, वेतन समिति 2008 की संस्‍तुतियों पर प्रसूति अवकाश की अवधि 135 दिन से बढाकर 180 दिन किए जाने का निर्णय लिया गया है, इसी प्रकार विशिष्‍ट परिस्थितियों यथा बीमारी तथा परीक्षा  आदि में देखभाल हेतु संतान की उम्र 18 वर्ष होने की अवधि तक महिला सरकारी सेवक को सम्‍पूर्ण सेवाकाल में अधिकतम 2 वर्ष (730 दिन)  का बाल्‍य देखभाल अवकाश (child care leave) अनुमन्‍य कराने की व्‍यवस्‍‍था प्रसूति अवकाश के संबन्‍ध में लागू अन्‍य शर्तों एंव प्रतिबन्‍धों के अधीन रहते हए की गयी है, यह दोनों व्‍यवस्‍थायें गोद ली गयी संतान के मामले में  भी उसी प्रकार लागू करने का निर्णय लिया गया हैा

– अतः श्री राज्‍यपाल महोदय संदर्भगत कार्यालय ज्ञाप दि0 04-06-1999 को अ‍तिक्रमित करते हुए प्रसूति अवकाश के सम्‍बन्‍ध में वित्‍तीय हस्‍तपुस्तिका खण्‍ड-2 भाग-2 से 4 के सहायक नियम-153(1) के अधीन सम्‍पूर्ण सेवाकाल में देा बार तक लागू अन्‍य शर्तों एवं प्रतिबंधों के अधीन प्रसूति अवकाश, अवकाश प्रारम्‍भ होने की तिथि से 135 दिन से बढाकर अधिकतम 180 दिन करने तथा विशिष्‍ट परि‍स्थितियों यथा संतान की बीमारी अथवा परीक्षा आदि में 18 वर्ष की आयु तक देखभाल हेतु महिला सरकारी सेवक को सम्‍पूर्ण सेवाकाल में अधिकतम देा वर्ष का बाल्‍य देखभाल अवकाश अनुमन्‍य कराये जाने की सहर्ष स्‍वीकृति प्रदान करते हैं, यह दाेनो व्‍यवस्‍थायें गोद ली गयी संतानेां के मामले में भी लागू होगी !

1- उक्‍त व्‍यवस्‍था विभिन्‍न विभागाेें के राजकीय एवं सहायता प्राप्‍त शिक्षण /प्राविधिक‍ शिक्षण संस्‍थाओं के महिला शिक्षकों एवं सहायता प्राप्‍त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्‍‍थाओं की शिक्षणोंतर महिला कर्मचारी के लिए भी लागू होगी !

2- उक्‍त नियम की अन्‍य शर्तें यथावत् प्रभावी रहेगी !

3- उर्पयुक्‍त आदेश दिनाॅक 01 दिसम्‍बर 2008 से प्रभावी होंगे !

4- संगत अवकाश नियमों में आवश्‍यक संशोधन यथासमय किया जायेगा !

                                                      (अनूप मिश्र)

                                                      प्रमुख सचिव

बाल्‍य देखभाल अवकाश की शर्तों का निर्धारण – राजाज्ञा

उत्‍तर प्रदेश शासन  वित्‍त(सामान्‍य) अनुभाग-2  संख्‍या-जी-2-/दस-2009-216-79 लखनऊ दि 24/03/2   कार्यालय ज्ञाप

विषय – वाल्‍देखभाल अवकाश तथा दत्‍तक ग्रहण अवकाश की अनुमन्‍यता के सम्‍बन्‍मे शर्तों का निर्धारण !

उर्पयुक्‍त विषय पर अधोहस्‍ताक्षरी को यह कहने का निर्देश हुआ है कि शासनादेश संख्‍या जी-2-2017/दस-2008-216-79, दि0 08/12/2008 के अनुसार महिला सरकारी सेवक को, अस्‍थायी या स्‍‍थायी हो को बाल्‍य देखभाल अवकाश तथा दत्‍तक ग्रहण अवकाश अनुमन्‍य कराया गया है!  संदर्भगत अवकाशों की स्‍वीकृती के सम्‍बन्‍ध में शर्तें निम्‍नवत् है –

1- बाल्‍य देखभाल अवकाश अधिकार के रूप में नहीं मांगा सकेगा, कोई कर्मचारी बिना पूर्व स्‍वीकृति के बाल्‍य देखभाल अवकाश पर नहीं जा सकेगा,

2- बाल्‍य  देखभाल  अवकाश उपार्जित अवकाश की भांति माना जायेगा आैर उसी तरह स्‍वीकृत किया जायेगा,

3- उपार्जित  अवकाश की भांति बाल्‍य देख्‍ाभाल अवकाश के मध्‍य पडने वाले सार्वजनिक अवकाशों को बाल्‍य देखभाल अवकाश में सम्मिलित माना जायेगा,

4- बाल्‍य देखभाल अवकाश तभी अनुमन्‍य होगा जब सम्‍बन्धित महिला कर्मचारी के लेखे में उपार्जित अवकाश शेष न हो |

निरंतर 2 वर्ष का बाल्य देखभाल अवकाश मान्य

उच्चतम न्यायालय ने व्यवस्था दी कि केन्द्र सरकार की महिला कर्मचारी अपने बच्चे की देखभाल के लिए बगैर किसी व्यवधान के दो साल का अवकाश ले सकती है।

न्यायालय ने सरकारी महिला कर्मचारी काकली घोष की याचिका पर यह व्यवस्था सुनाई। जिसने अपने बेटे की परीक्षा की तैयारी के लिए 730 दिन का अवकाश देने से इंकार करने के सरकार के निर्णय को चुनौती दी थी।

महिला कर्मचारी ने पहले कोलकाता स्थित केन्द्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण में अपील की थी। न्यायाधिकरण ने इस कर्मचारी के पक्ष में फैसला सुनाया लेकिन उच्च न्यायालय ने इस निर्णय को उलट दिया था। शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय का 18 सितंबर, 2012 का निर्णय निरस्त कर दिया।

पीठ ने कहा, परिपत्रों और नियम 43-सी के अवलोकन से पता चलता है कि 18 साल से कम आयु के नाबालिग बच्चे की मां सरकारी महिला कर्मचारी अधिकतम 730 दिन का बगैर किसी व्यवधान के अवकाश ले सकती है। बच्चों की देखभाल सिर्फ छोटे बच्चे को पालने पोसने के लिए नहीं बल्कि उनकी परीक्षा और बीमारी जैसी जरूरतों के लिये भी है।

पीठ ने कहा कि बच्चों के देखभाल के लिए 730 दिन से अधिक अवकाश अन्य छुट्टियों को मिलाकर भी दिया जा सकता है यदि छुट्टियां उपलब्ध हैं।

पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय का निष्कर्ष न तो नियम 43-सी पर और न ही केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों पर आधारित है।

>IN THE SUPREME COURT OF INDIA

CIVIL APPELLATE JURISDICTION

CIVIL APPEAL NO. 4506 OF 2014 (arising out of SLP (C) No. 33244 of 2012)

KAKALI GHOSH … APPELLANT

VERSUS

CHIEF SECRETARY, ANDAMAN & NICOBAR ADMINISTRATION AND ORS …RESPONDENTS

.J. (SUDHANSU JYOTI MUKHOPADHAYA)

.J. (V. GOPALA GOWDA)

NEW DELHI, APRIL 15, 2014

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