इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी उत्तर प्रदेश को एनआईओएस से सभी डीएलएड डिप्लोमा धारकों के टीईटी परीक्षा के लिए आवेदन स्वीकार करने का समादेश जारी किया है।
कोर्ट ने कहा है कि एनसीटीई से डीएलएड डिप्लोमा मान्य होने के कारण आवेदन स्वीकार न करने का कोई औचित्य नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने संदीप मिश्र व चार अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याचियों का कहना था कि वे एन आईओएस से डीएलएड डिप्लोमा धारक हैं। उन्होंने टीईटी में आवेदन किया लेकिन बिना कारण उनके आवेदन स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं इसलिए सचिव सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी उत्तर प्रदेश प्रयागराज को निर्देश दिया जाए। इस डिप्लोमा को एनसीटीई से मान्यता मिली हुई है इसलिए इसके डिप्लोमा धारक सहायक अध्यापक भर्ती में शामिल होने के हकदार हैं। एक अन्य मामले की सुनवाई में एनसीटीई के अधिवक्ता ने इस डिप्लोमा को मान्य बताया है। इस पर कोर्ट ने उक्त आदेश दिया है।प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी उप्र प्रयागराज को एनआइओएस से सभी डीएलएड डिप्लोमा धारकों के टीईटी के लिए आवेदन स्वीकार करने का समादेश जारी किया है। कोर्ट ने कहा है कि एनसीटीई से डीएलएड डिप्लोमा मान्य होने के कारण आवेदन स्वीकार न करने का कोई औचित्य नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने संदीप मिश्रा व चार अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।
याचीगण का कहना था कि वे एनआइओएस से डीएलएड डिप्लोमा धारक हैं। टीईटी परीक्षा में आवेदन दिया लेकिन बिना कारण उनके आवेदन स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं। इसलिए सचिव को निर्देश दिया जाय। इस डिप्लोमा को एनसीटीई से मान्यता मिली हुई है। इसलिए डिप्लोमा धारक सहायक अध्यापक भर्ती में शामिल होने के हकदार हैं। अन्य केस की सुनवाई में एनसीटीई के अधिवक्ता ने इसे मान्य बताया है। कोर्ट ने सभी डी एल एड डिप्लोमा धारकों के आवेदन स्वीकार करने का सामान्य समादेश जारी किया है।
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