सरकारी कर्मचारी पदोन्नति को अपने अंतर्निहित अधिकार के रूप में नहीं मान सकते।
झूठी सूचना देने के अपराध में छह महीने तक के साधारण कारावास, एक हजार रुपये तक के जुर्माने या दोनों
नुकसान पहुंचाने के इरादे से गलत दस्तावेज बनाना
- सभी महिलाओं को गर्भपात का अधिकार
- ‘इस्तीफे को स्वैच्छिक नहीं माना जा सकता
- केंद्र और राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट से प्रोमोशन में आरक्षण के मानदंडों के बारे में भ्रम के कारण कई नियुक्तियां रुकी हुई हैं।
- बेटी अपने हिंदू पिता की मृत्यु के बाद उनकी स्व-अर्जित संपत्ति या सामूहिक संपत्ति के विभाजन में प्राप्त हिस्से को विरासत में लेने में सक्षम है।
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यदि किसी कर्मचारी के खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई या बर्खास्तगी का आदेश जारी नहीं किया जाता है, तो उसे सेवा में माना जाएगा और वह अपने वेतन का हकदार