नुकसान पहुंचाने के इरादे से गलत दस्तावेज बनाना

 

 

 

भारतीय दंड संहिता (IPC) विभिन्न अपराधों की रूपरेखा प्रस्तुत करती है जो लोक सेवक कर सकते हैं और उनके लिए दंड का प्रावधान करती है। धारा 166 से 171 विशेष रूप से लोक सेवकों (Public Servants) द्वारा किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के दुराचार पर ध्यान केंद्रित करती हैं।भारतीय दंड संहिता की धारा 166 से 171 लोक सेवकों की ईमानदारी और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए बनाई गई हैं। ये धाराएँ सुनिश्चित करती हैं कि लोक सेवक अपने कर्तव्यों का पालन वैधानिक और नैतिक रूप से करें, और वे उन लोगों के लिए दंड का प्रावधान करते हैं जो अपने पदों का दुरुपयोग करते हैं इस धारा के तहत, यदि कोई लोक सेवक जो किसी दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को तैयार करने या अनुवाद करने के लिए जिम्मेदार है, जानबूझकर उसे गलत बनाता है, नुकसान पहुंचाने का इरादा रखता है या जानता है कि इससे नुकसान होने की संभावना है, तो उसे दंडित किया जा सकता है। सजा तीन साल तक की कैद, जुर्माना या दोनों हो सकती है।

उदाहरण: यदि किसी लोक सेवक को कानूनी दस्तावेज तैयार करने का काम सौंपा जाता है और वह किसी को परेशानी में डालने के लिए जानबूझकर उसमें गलतियाँ करता है, तो वह धारा 167 के अनुसार अपराध कर रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *