उत्तर प्रदेश में शिक्षकों के मूल शैक्षिक अभिलेख अब जांच के लिए नहीं जमा करवाए जाएंगे। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने माध्यमिक शिक्षा विभाग व उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अभिलेखों की जांच के लिए शिक्षकों से किसी भी कीमत पर मूल अभिलेख जमा न करवाए जाएं। माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों के अभिलेखों की जांच के दौरान कई जिलों में शिक्षकों से मूल अभिलेख जमा करवाए जा रहे थे। शिक्षक अभिलेखों की फोटो कापी जमा करने की मांग को लेकर लगातार विरोध कर रहे थे। ऐसे में मंगलवार को आदेश जारी कर इस पर रोक लगा दी गई। एमएलसी सुरेश कुमार त्रिपाठी ने भी मंगलवार को उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा से मुलाकात कर इस पर रोक लगाने की मांग की, ऐसे में शिक्षकों को अब राहत मिल गई है। मालूम हो कि बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में शिक्षिका अनामिका की फर्जी ढंग से नियुक्ति का मामला सामने आने के बाद बेसिक से लेकर उच्च शिक्षा विभाग तक में कार्यरत सभी शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों की जांच के आदेश दिए गए थे। इसी के तहत अब जिलों में शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेख जांचे जा रहे हैं।
Related Posts
चयन बोर्ड द्वारा विज्ञापन संख्या 1/2021 व 1/2021 के अंतर्गत चयनित अभ्यर्थियों को आवंटित संस्था में तदर्थ शिक्षकों के कार्यरत होने के कारण चयन बोर्ड नियमावली1998 के नियम 13 (5) के समायोजन के संबंध में
हाथरस: डीएलएड/बीटीसी परीक्षा का पर्चा लीक होने की आशंका, दो पर होगी रिपोर्ट
सत्र 2019 की डीएलएड-बीटीसी परीक्षा का पेपर लीक होने की आशंका है। इस मामले में दो परीक्षार्थियों के खिलाफ एफआईआर…