सोमवार से लेकर शुक्रवार तक स्कूलों में पांच से साढ़े पांच घंटे की पढ़ाई

शिक्षा मंत्रालय स्कूली शिक्षा के समय को लेकर एक नया प्रस्ताव लेकर आया है। इस विषय पर तैयार किए गए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे (एनसीएफ) में स्कूलों में अब सप्ताह में 29 घंटे की पढ़ाई का प्रस्ताव रखा गया है। एनसीएफ के मुताबिक, स्कूलों में सोमवार से शुक्रवार तक पांच से साढ़े पांच घंटे की पढ़ाई होगी और बच्चों को फ्री टाइम दिया जाएगा, जिसमें वे अपने मन के अनुसार काम कर सकेंगे।

राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे के तहत स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों के लिए वैश्विक मानकों के आधार पर पढ़ाई के घंटे निर्धारित किये गए हैं। स्कूलों के लिए प्रस्तावित पढ़ाई के नये कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को पठन-पाठन के दबाव से राहत देना है।

ऐसा होगी स्कूल की समयसारणी

इस नए प्रस्ताव में कहा गया है कि स्कूलों में अब सप्ताह में 29 घंटे की पढ़ाई होगी। सोमवार से लेकर शुक्रवार तक स्कूलों में पांच से साढ़े पांच घंटे की पढ़ाई होगी। महीने में दो शनिवार को भी कुछ घंटे पढ़ाई हुआ करेगी और रविवार को स्कूल की छुट्टी रहेगी।

पंचपदी शिक्षण प्रक्रिया पर आधारित है प्रस्ताव

राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे में बच्चों के समूचा विकास हो और उचित माहौल में पढ़ाई हो इसलिए “पंचपदी शिक्षण प्रक्रिया” अपनाने का सुझाव दिया गया। इस पद्धति के तहत शिक्षकों से कहा गया है कि वे पठन-पाठन में किसी विषय को समझाने के लिए पांच चरणों – अदिति(परिचय), बोध, अभ्यास, प्रयोग और प्रसार को शामिल करें। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा 2023 को इसरो के पूर्व प्रमुख के. कस्तूरीरंगन के नेतृत्व वाली समिति द्वारा तैयार किया गया है।

क्या है पंचपदी शिक्षण प्रक्रिया?

इसमें कहा गया है कि ‘अदिति’ के स्तर पर शिक्षक छात्रों के सम्पर्क करके नये विषय पेश कर सकते हैं। ‘बोध’ के स्तर पर बच्चे शिक्षकों के मार्गदर्शन में नाटक,चर्चा, पुस्तक पाठ, पूछताछ आदि के माध्यम से विषयों को समझने की कोशिश करेंगे। ‘अभ्यास’ के स्तर पर प्रयास करके विषयों एवं सिद्धांतों को समझने एवं समझाने की कोशिश होगी और ‘प्रयोग’ चरण के तहत विभिन्न संसाधनों के जरिये सीखे गए विषयों के बारे में बेहतर समझ बनायी जायेगी। प्रसार चरण के अंतर्गत विषयों को और अधिक समझने के लिए छात्रों से अपने मित्रों के साथ बातचीत, एक दूसरे को नयी कहानियां बताकर, नये गाने गाकर, नयी किताबें पढ़कर, नया खेल खेलकर विषयों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए कहा गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *