केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि नीट-यूजी मामले में बड़े पैमाने पर कोई धांधली नहीं हुई है, ऐसे में दोबारा परीक्षा कराए जाने की कोई जरूरत नहीं है। उसने वायरल टेलीग्राम वीडियो को भी फर्जी बताया है। साथ ही कहा कि 2024-25 के लिए स्नातक सीटों के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया जुलाई के तीसरे सप्ताह से शुरू होगी केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि नीट-यूजी मामले में बड़े पैमाने पर कोई धांधली नहीं हुई है, ऐसे में दोबारा परीक्षा कराए जाने की कोई जरूरत नहीं है। उसने वायरल टेलीग्राम वीडियो को भी फर्जी बताया है। साथ ही कहा कि 2024-25 के लिए स्नातक सीटों के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया जुलाई के तीसरे सप्ताह से शुरू होगी और यह चार दौर में आयोजित की जाएगी।
स्थानीय पक्षपात के कोई सुबूत नहीं मिले
हलफनामे के अनुसार सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि दोषी किसी भी अभ्यर्थी को कोई लाभ न मिले।हलफनामे में कहा गया है कि आइआइटी मद्रास का डाटा एनालिटिक्स कोई बड़ी अनियमितता या बड़े पैमाने पर गड़बड़ी नहीं दिखाता है। इसमें पिछले दो वर्षों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है। रिपोर्ट में बड़े पैमाने पर कदाचार या स्थानीय पक्षपात के कोई सुबूत नहीं मिले हैं।
कुछ ही परीक्षा केंद्रों से टॉपर होने का तथ्य सही नहीं
इसमें कहा गया है कि अंकों का वितरण सामान्य बेल कर्व का पालन करता है और यह किसी अनियमतिता को इंगित नहीं करता है। शीर्ष 1.40 लाख रैंकों का विश्लेषण करने पर कदाचार या विशिष्ट केंद्रों या शहरों को अनुचित लाभ देने का भी कोई संकेत नहीं मिला। हलफनामे में कहा गया है कि कुछ परीक्षा केंद्रों से ही टापर होने का आरोप निराधार है। इसके मुताबिक नीट यूजी मामले में टाप 100 कैंडिडेट 56 शहरों के 95 सेंटरों से हैं। ऐसे में कुछ ही परीक्षा केंद्रों से टॉपर होने का तथ्य सही नहीं है।