प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को शिक्षक पर्व की शुरुआत की। 7 सितंबर को शुरू यह कार्यक्रम 17 सितंबर तक चलेगा। कार्यक्रम में वर्चुअली उपस्थित होकर मोदी ने राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षकों कठिन समय में देश में शिक्षा के लिए, विद्यार्थियों के भविष्य के लिए अतुलनीय योगदान दिया है।
उन्होंने कहा कि हमें सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में अपना योगदान देना है। इसके लिए हमारे प्राइवेट सेक्टर को भी आगे आना होगा। मोदी ने कहा कि शिक्षक पर्व पर नई योजनाओं की शुरुआत हुई है। ये पहल इसलिए भी अहम है, क्योंकि देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और आजादी के 100 वर्ष होने पर भारत कैसा होगा, इसके लिए नए संकल्प ले रहा है।
नई योजनाएं शिक्षा को वैश्विक स्तर तर पहुंचाएंगी
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आज विद्यांजली 2.0, निष्ठा 3.0, टॉकिंग बुक्स और ULD बेस ISL डिक्शनरी जैसे नए कार्यक्रम और व्यवस्थाएं लॉन्च की गई हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि यह हमारे शिक्षा व्यवस्था को वैश्विक स्तर पर फायदा पहुंचाएंगी। राष्ट्रीय शिक्षा योजना (NEP) को बनाने से लेकर लागू करने तक हर स्तर पर शिक्षकों और एक्सपर्ट्स का योगदान रहा है।
जब समाज मिलकर कुछ करता है तो परिणाम जरूर मिलते हैं
उन्होंने कहा कि अब हमें इस भागीदारी को एक नए स्तर तक लेकर जाना है, हमें इसमें समाज को भी जोड़ना है। देश ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के साथ सबका प्रयास का जो संकल्प लिया है, विद्यांजलि 2.0 उसके लिए एक प्लेटफॉर्म की तरह है। जब समाज मिलकर कुछ करता है, तो अच्छे परिणाम जरूर मिलते हैं। आपने देखा है कि बीते कुछ वर्ष में जनभागीदारी अब फिर भारत का नेशनल कैरेक्टर बनता जा रहा है।
कई ऐसे काम हुए, जिनकी कल्पना नहीं की थी
मोदी ने कहा कि पिछले 6-7 सालों में जनभागीदारी की ताकत से भारत में ऐसे-ऐसे काम हुए हैं, जिनकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था। शिक्षा में असमानता को खत्म करके उसे आधुनिक बनाने में नेशनल डिजिटल एजुकेशन आर्केटेक्चर यानी, N-DEAR की भी बड़ी भूमिका होने वाली है।खबरें और भी हैं…