विज्ञान के क्षेत्र में अपने सुनहरे भविष्य की उम्मीदें लगाए बैठी प्रदेश की प्रतिभाओं को बड़ा झटका लगा है। उन्हें विज्ञान के क्षेत्र में कॅरियर बनाने, वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करने को चार साल पहले शुरू की गई उत्तर प्रदेश प्रतिभा खोज प्रतियोगिता (यूपीएसटीएसई) स्कॉलरशिप पर फिलहाल रोक लग गई है। यह छात्रवृत्ति विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद ने शुरू की थी। वर्ष 2016 से शुरू योजना दो साल चलने के बाद ही बंद हो गई। ऐसे में प्रतियोगिता में सफल रहे छात्र-छात्रएं ठगा महसूस कर रहे हैं।
योजना के तहत हर साल छात्रवृत्ति के लिए प्रतियोगिता होनी थी, जिसमें चयनित कुल एक हजार छात्र-छात्रओं को परास्नातक तक प्रति माह छात्रवृत्ति दी जानी थी, जिससे वह व्यावसायिक शिक्षा की तरफ न जाकर बेसिक साइंस में कॅरियर बना सें। 2016 से दो वर्ष लगातार परीक्षा आयोजित की गई। चयनित छात्र छात्रओं को स्कॉलरशिप भी दी गई। इसके बाद योजना पर सवाल खड़े होने पर इसे बंद कर दिया गया।
यूपी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के निदेशक वेदपति मिश्र बताते हैं कि कुछ सवाल उठे थे। शासन ने दो अपर मुख्य सचिव की एक कमेटी गठित की गई थी, जिसने यह सिफारिश दी थी कि फिलहाल इस प्रतियोगिता को रोक देना चाहिए। यह भी विचार किया गया कि जब केंद्र सरकार राष्ट्रीय प्रतिभा खोज प्रतियोगिता देश भर में कराता है तो उसी में चयनित प्रदेश के या प्रदेश में पढ़ने वाले उन छात्रों को प्रोत्साहित किया जाए, जो मेरिट में ऊपर हों। इससे प्रदेश में अलग से प्रतियोगिता कराने का खर्च भी बचेगा और गड़बड़ी की आशंका भी समाप्त हो जाएगी।
अंतिम निर्णय होना बाकी
परिषद के निदेशक ने बताया कि अभी अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है। प्रतियोगिता रोके जाने के संदर्भ में कहा कि आयोजन को लेकर कुछ शिकायतें थीं। कुछ बच्चों को छात्रवृत्ति दी जा चुकी थी, जिसे वापस लेना मुमकिन नहीं था। भविष्य में योजना के संचालन को रोकने का निर्णय लिया गया है।