टीईटी 2020 में आर्थिक रूप से पिछड़े अभ्यर्थियों को 10 फीसद आरक्षण प्रावधान करने की तैयारी

प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने की अर्हता परीक्षा यानी यूपी टीईटी 2020 दिसंबर में कराने की तैयारी है। पिछले वर्षो में अगस्त माह तक प्रस्ताव तैयार होता रहा है लेकिन, इस बार कोरोना संकट की वजह से प्रक्रिया अब शुरू करने की रूपरेखा बन रही है। प्रस्ताव सितंबर के पहले पखवारे में शासन को भेजने की तैयारी है। आवेदकों की तादाद अधिक होने के आसार हैं।

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद का निर्देश है कि शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ष में दो बार कराई जा सकती है। केंद्रीय शिक्षा बोर्ड यह परीक्षा दो बार कराता रहा है, वहीं यूपी में टीईटी वर्ष में एक बार ही होती आ रही है। पिछले साल की परीक्षा आठ जनवरी 2020 को कराई गई थी। उसमें करीब 16 लाख परीक्षार्थियों ने आवेदन किया था। इस बार कोरोना संक्रमण के कारण परीक्षा को लेकर असमंजस रहा है। इधर, बीएड की परीक्षा होने के बाद अन्य परीक्षा संस्थाएं भी कदम आगे बढ़ाने को तत्पर हैं। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा दिसंबर माह में कराने की रूपरेखा बन रही है। इसमें आवेदकों की संख्या 10 लाख से अधिक होने की उम्मीद है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय का कहना है कि अब तक टीईटी में आर्थिक रूप से पिछड़े अभ्यर्थियों को 10 फीसद आरक्षण नहीं मिल रहा है। इस बार यह प्रावधान शामिल करने की तैयारी है। इसके अलावा परीक्षा की शुचिता बनाए रखने के लिए अन्य बदलाव भी करने की तैयारी है। ऐसे ही प्रश्नपत्र तैयार करने में भी सतर्कता बरती जाएगी, ताकि प्रश्नों के जवाब को लेकर विवाद की स्थिति न बने। सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी का कहना है कि अक्टूबर में अधिसूचना और उसके बाद से ऑनलाइन आवेदन लेने पर मंथन चल रहा है, इस पर अंतिम निर्णय शासन करेगा।
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