हाईकोर्ट ने कहा-खुद के बनाए घर में ही रहो पिता-पुत्र के संपत्ति विवाद में दिया आदेश


यह यह विवाद पिता के मकान पर पुत्र के द्वारा दावा करने पर है वह पिता के मकान को छोड़ प्रयागराज। इलाहाबद हाईकोर्ट ने में कोर्ट ने पुत्र को केवल इतनी राहत संपत्ति के विवाद के मामले में बेटे को दो जजों की खंडपीठ ने वंदना सिंह वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण की दी कि वह पिता के मकान में पिता के घर में रहने की इजाजत नहीं और शिव प्रकाश सिंह बनाम उप्र. राज्य तथा कल्याण अधिनियम-2007 की जिस कमरे में रह रहा था, उसमें दी है। कोर्ट ने कहा कि बेटा अपने व पांच अन्य के मामले में दिया है। धारा 21 के तहत पिता के अधिकारों ताला बंद कर सकता है, लेकिन यह बनाए मकान में रहे। वह पििता के कोर्ट ने वाराणसी के इस मामले में को सुरक्षित करते हुए पुत्र को उनके भी कहा कि पुत्र उस मकान में मकान में नहीं रह सकता है। यह अभी तक स्थगन आदेश पारित घर में रहने की अनुमति देने से रहेगा नहीं। >> डीएम ने पुत्र व बहू ने आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा किया था। मंगलवार को सुनवाई इनकार कर दिया। कोर्ट ने मामले में को दिया था मकान खाली करने का और न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान की करते हुए कोर्ट ने माता-पिता और कहा कि पुत्र का मकान दूसरे स्थान आदेश :

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