सरकार ने कर ली स्कूल और कॉलेजों को खोलने की तैयारी एनसीईआरटी ने जारी किया गाइडलाइंस

कोरोना वायरस संक्रमण थम नहीं रहा है. इस कारण दो माह देश में लॉकडाउन रहा. स्कूल-कॉलेज भी बंद रहे. ऐसे में अब बड़ी चुनौती है कि आखिर स्कूल-कॉलेज कैसे खोले जाएँ और पढ़ाई कैसे शुरू हो. इसका जवाब एनसीईआरटी ने केंद्र सरकार को सौंपा है. एनसीईआरटी की गाइडलाइन के अनुसार, स्कूल ऑड-ईवन के आधार पर खोले जाएंगे. बच्चों के ऑड-ईवन रोल नंबर के आधार पर स्कूल तीन-तीन दिन बुलाया जाएगा. बच्चे एक साथ स्कूल नहीं जाएंगे. क्लस भी दो शिफ्ट में होंगी. इसके साथ ही क्लास बंद कमरों की बजाय खुले मैदान में लगाई जाएं, ये सुझाव है और स्कूल में एसी नहीं चलाई जाएगी. इसके साथ ही बच्चे की डेस्क पर उसका नाम भी लिखा जाएगा. ऐसा इसलिए ताकि बच्चा हर दिन एक ही जगह पर बैठे. हर बच्चे को मास्क लगाना जरूरी होगा। गाइडलाइन्स के अनुसार स्कूल कुल छह चरण में खोले जाएंगे. सबसे पहले बड़ी कक्षा यानी 11वीं और 12वीं की क्लास शुरू की जाएँगी. इसके एक हफ्ते बाद 9वीं-10वीं की क्लास शुरू की जाएगी. 2 हफ्ते बाद छठवीं और सातवीं के बच्चे सामने आयेंगे. 3 हफ्ते बाद क्लास तीन से पांच तक के बच्चे स्कूल आयेंगे. 4 हफ्ते बाद पहली और दूसरी क्लास, 5 हफ्ते बाद नर्सरी-केजी की क्लास शुरू होंगी. नर्सरी केजी के बच्चों को स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों से सलाह ली जाएगी.  गाइडलाइन के अनुसार, जहां कोरोना मामले कम हैं या न के बराबर हैं, सिर्फ वहीं के स्कूल खोले जाएंगे. कंटेनमेंट जोन के स्कूल बंद रहेंगे. जब कोई इलाका ग्रीन जोन में शामिल हो जाएगा तब वहां के स्कूल भी खोलेंगे जाएंगे. इसके साथ ही क्लास में बच्चों से सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल भी रखवाया जाएगा. बच्चों को 6 फीट की दूरी पर बैठना होगा. इसके साथ ही एक कक्षा में 35 से अधिक बच्चे नहीं होंगे.स्कूल नियमित सेनिटाइज करने होंगे. किसी भी तरह का ऐसा कोई आयोजन नहीं होगा, जिसमें भीड़ एकत्रित होगी. प्रार्थना आदि नहीं होगी. बच्चे एक दूसरे से कोई भी सामान शेयर नहीं करेंगे. छात्रों की नियमित स्क्रीनिंग होगी. छात्रों को पानी भी अपने साथ लाना होगा. बच्चे पानी तक शेयर नहीं करेंगे. इसके साथ ही किसी बच्चे के अभिभावक डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी, पुलिस कर्मी, सफाईकर्मी या ऐसे ही कोरोना फ्रंटलाइनर हैं तो उन्हें पहले बताना होगा. पीटीएम नहीं होगी. हॉस्टल के लिए नियम बनाए गए हैं. बच्चों के बेड 6-6 फीट की दूरी पर लगाने होंगे. सिर्फ 33 प्रतिशत छात्र ही हॉस्टल में रहेंगे

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