स्कूलों में बच्चों और शिक्षकों के लिए मास्क लगाना अनिवार्य किया जाए।

एक ओर जहां देशभर में कोरोना महामारी के नए मरीजों की संख्या में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है और कई राज्यों में मास्क की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। इसके बावजूद 62 फीसदी अभिभावक चाहते हैं कि स्कूलों में बच्चों और शिक्षकों के लिए मास्क लगाना अनिवार्य किया जाए। यह दावा एक सर्वेक्षण में किया गया है।   
 एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लोकल सर्किल द्वारा किए गए सर्वे की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के 381 जिलों में 25,000 से अधिक लोगों पर किए गए सर्वेक्षण में सामने आया है कि 62 फीसदी माता-पिता चाहते हैं कि अभी स्कूलों में शिक्षकों और छात्रों के मास्क लगाने की अनिवार्यता बनी रहनी चाहिए। सर्वे में 42 फीसदी उत्तरदाता टियर -1 शहरों से, 35 फीसदी टियर -2 से और 23 फीसदी टियर -3 और टियर-4 शहरों तथा ग्रामीण जिलों से थे। 
 सर्वे में 62 फीसदी लोगों का कहना था कि मास्क जरूरी बना रहना चाहिए जबकि महज नौ फीसदी लोगों ने कहा कि मास्क अनिवार्यता को हटा दिया जाना चाहिए। जबकि आठ फीसदी लोगों ने कहा कि अभी मास्क की पाबंदियां हटाई जा सकती हैं लेकिन नेशनल टीपीआर एक फीसदी से ऊपर बढ़ने पर मास्क अनिवार्य कर देना चाहिए। 
 वहीं, सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, 10 में से नौ अभिभावकों ने संकेत दिए कि उनके क्षेत्रों के अधिकांश लोगों ने मास्क लगाना तकरीबन बंद कर दिया है। लोगो ने मास्क अनिवार्यता खत्म करने पर सरकारों की भी आलोचना की है। लोगों को लगता है कि देश में कभी भी चौथी लहर सामने आ सकती है, क्योंकि हाल ही में चीन समेत कई देशों में कोरोना के नए वैरिएंट सामने आए हैं।  
 बता दें कि इस सर्वे रिपोर्ट के उलट दिल्ली जैसे राज्यों में, कुछ अभिभावकों ने सरकार से स्कूलों में मास्क के उपयोग को वैकल्पिक बनाने का आग्रह किया है। परिजनों का कहना है कि अधिकांश क्षेत्रों में तापमान तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में बच्चों के लिए लगातार सात-आठ घंटे मास्क के साथ रहना मुश्किल है। इससे कई तरह के नुकसान हो सकते हैं।  

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