स्कूली बस बिना पंजीयन ही सड़क पर दौड़़ रही

लखनऊ (एसएनबी)। गाजियाबाद स्कूली बस हादसे के बाद भी जिम्मेदारों की आंखें नहीं खुल रही है। स्कूली बसों में बच्चों की जान खतरे में बनी हुई। परिवहन आयुक्त के निर्देश पर शुक्रवार को एआरटीओ (प्रवर्तन) ने दो स्कूली बसों की जांच की तो उनके होश उड़़ गये। एक स्कूली बस बिना पंजीयन ही सड़क पर दौड़़ रही थी‚ जबकि दूसरी स्कूली बस के पीछे शीशे के स्थान पर गत्ता लगा था। परिवहन विभाग ने दोनों बसें सीज कर ली है‚ जबकि पंजीयन न होने के मामले में स्कूल प्रबंधक व ड़ीलर को नोटिस दी गयी और दोनों मामले में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए तहरीर दी गयी है॥। स्कूली बच्चों के साथ कैसे खिलवाडÃ किया जा रहा है‚ इसका खुलास शुक्रवार को एआरटीओ (प्रवर्तन) अमित राजन व उनके टीम के सदस्यों ने किया। नामचीन स्कूल बच्चों की सुरक्षा के मामले में अनदेखी कर रहे है। एआरटीओ ने जीडी गोयनका स्कूल की बस (यूपी ३२ ईएन–५८२४ ) की जांच की तो उनके होश उड़़ गये। बस के पिछले हिस्से में शीशा ही नहीं मिला। शीशा नहीं होने पर गत्ते से बस के पिछले हिस्से को ढका गया था। बस में स्पीड गर्वनर और अग्निशमन यंत्र भी नहीं पाया गया। यह बस स्कूल से ४० बच्चों को घर छोड़़कर वापस लौट रही थी। एआरटीओ (प्रवर्तन) अमित राजन ने बताया कि इन अनियमितओं के मामले में स्कूली बस को सीज कर सुशांत गोल्फ सिटी थाने में जमा कराया गया है। इस सम्बंध में एआरटीओ ने संबंधित स्कूल प्रबंधक व वाहन स्वामी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए तहरीर दी है। समाचार लिखे जाने तक सुशांत गोल्फ सिटी थाने पर प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकी थी॥। दूसरी स्कूली बस सेठ आनंदराज जयपुरिया स्कूल अंसल सिटी का है। परिवहन विभाग की टीम की जांच में यह खुलासा हुआ की कि इस नई बस का पंजीयन आरटीओ कार्यालय में हुआ ही नहीं और स्कूली बच्चों को ढøो रही है। स्कूल बस को अवैध संचालन के आरोप में कल्ली पश्चिम यार्ड में बंद करा दिया गया। इस संबंध में एआरटीओ श्री राजन ने बताया कि बस को फर्जी करार देते हÙए स्कूल प्रशासन और वाहन विक्रेता के खिलाप प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए पीजीआई थाने को तहरीर दी गयी है। उन्होंने बताया कि वाहन विक्रेता फैजाबाद रोड स्थित ऑटोमूवर्स प्रा. लि. ने बिना नंबर बस को स्कूल प्रबंधन को दे दी। यह मोटर व्हीकल एक्ट के तहत बड़ा अपराध है। ऐसे में वाहन विक्रेता और स्कूल प्रबंधन दोनों जिम्मेदार है। क्योंकि बस में सफर करने वाले बच्चें किसी घटना के शिकार होते तो बड़ी लापरवाही उजागर होती। उन्होंने बताया कि ड़ीलरशिप निरस्त करने के लिए एआरटीओ (प्रशासन) को सूचना दी गयी है। बिना पंजीयन बस शो रूम से कैसे बाहर निकली॥। ॥

admin

Up Secondary Education Employee ,Who is working to permotion of education

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *