प्रदेश के 4500 से अधिक सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के स्थानांतरण की पिछले चार दशकों से चली आ रही नौ चरणों वाली जटिल और भ्रष्ट व्यवस्था से शिक्षकों को जल्द ही छुटकारा मिलने जा रहा है। पुरानी व्यवस्था की बजाय पहली बार ट्रांसफर के लिए जल्द ही शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे।
पुरानी व्यवस्था में स्थानांतरण के इच्छुक शिक्षक को अपने पसंद के जिले में खाली पद को खुद ढूंढना पड़ता था। उसके बाद शिक्षक को दोनों स्कूलों के प्रधानाचार्य व प्रबंधक से अलग-अलग अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना होता है। फिर दोनों जिलों के डीआईओएस और दोनों मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय से अनापत्ति लेते हुए अपर निदेशक माध्यमिक कार्यालय में आवेदन करना पड़ता था।
इस प्रक्रिया में कदम कदम पर भ्रष्टाचार की शिकायतें भी मिलती रहती हैं। शिक्षक पिछले 4 वर्षों से लगातार ऑनलाइन ट्रांसफर की मांग करते आ रहे हैं। 17 जनवरी 2020 को लखनऊ में शिक्षक संघ के धरने के दौरान ही सरकार से हुई वार्ता के बाद ऑनलाइन ट्रांसफर का शासनादेश जारी हुआ लेकिन कोरोना के कारण इसका क्रियान्वयन नहीं हो सका।
11 जनवरी 2021 को शिक्षा निदेशालय पर शिक्षकों के धरने के बाद इसमें फिर तेजी आई है। प्रदेश के सभी जनपदों से 31 मार्च 2021 को रिक्त होने वाले पदों की सूचना प्राप्त कर एनआईसी से सॉफ्टवेयर बनावाया जा रहा है। अपर निदेशक माध्यमिक डॉ. महेन्द्र देव ने बताया कि सॉफ्टवेयर बन रहा है और जल्द ऑनलाइन ट्रांसफर के लिए आवेदन लिए जाएंगे।
इनका कहना है
सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में चली आ रही ट्रांसफर की व्यवस्था में नीचे से ऊपर तक मनमानापन और भ्रष्टाचार व्याप्त है। ठकुराई गुट पिछले 4 वर्षों से शिक्षकों के ऑनलाइन ट्रांसफर की मांग को लेकर लगातार संघर्ष कर रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि ऑनलाइन ट्रांसफर शुरू होने से हमारे शिक्षकों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी।