प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती परीक्षा भी परीक्षा नियामक प्राधिकारी कराएगा। सात अगस्त की बैठक में बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ. सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह और सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय उपाध्याय को निर्देश दिया कि माध्यमिक शिक्षा विभाग से समन्वय स्थापित कर प्रक्रिया पूर्ण कराएं.
सरकार ने 28 मार्च 2018 को उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद (संस्थानों के प्रधानों, अध्यापकों एवं अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति एवं सेवा शर्ते) विनियमावली-2009 में संशोधन के बाद सहायता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों के चयन का अधिकार उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को दे दिया था।
इस क्रम में माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने संस्कृत स्कूलों में भर्ती शुरू करने से पूर्व 3 अप्रैल 2018 को चयन बोर्ड की नियामवली में संशोधन का प्रस्ताव मांगा था। जिसके जवाब में तत्कालीन सचिव नीना श्रीवास्तव ने 9 अप्रैल 2018 को नियमावली में आवश्यक संशोधन का प्रस्ताव संयुक्त सचिव शासन को भेज दिया था। हालांकि उसके बाद चयन बोर्ड ने यह परीक्षा कराने से इनकार कर दिया।
शासन ने यूपी बोर्ड को परीक्षा की जिम्मेदारी देनी चाही, लेकिन यूपी बोर्ड ने भी हाथ खड़े कर दिए। अंतत: सालों से ठप संस्कृत शिक्षकों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा की जिम्मेदारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी को दी गई है। इसके लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में तकनीकी कर्मचारियों, टेक्निकल इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने के लिए प्रस्ताव भी मांग लिया है। ताकि भविष्य में परीक्षाओं के संचालन की समुचित व्यवस्था निर्धारित की जा सके।
प्रदेश के 567 माध्यमिक संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों के 1471 पद खाली हैँ। प्रधानाध्यापकों के 567 पदों में से 352 जबकि शिक्षकों के 2073 पदों में से 1119 पद रिक्त हैं।