सरकारी नौकरी : नियुक्ति में लग सकता है आचार संहिता का अड़ंगा

कोर्ट से राहत मिलने के बाद एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के तहत हिंदी विषय के चयनित अभ्यर्थियों ने नियुक्ति की प्रक्रिया शीघ्र पूरी किए जाने की मांग की है। उनकी फाइलें महीनों से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) में लंबित पड़ी हुईं हैं।

हालांकि नियुक्ति प्रक्रिया में चुनाव आचार संहिता बाधा बन सकती है, लेकिन अभ्यर्थियों का कहना है कि नियुक्ति कोर्ट के आदेश पर मिलनी है, इसलिए आयोग उनकी फाइलें माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को शीघ्र भेजे।

एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के तहत हिंदी विषय में 135 चयनित अभ्यर्थियों की अर्हता का विवाद था। दरअसल, एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 16 अप्रैल 2018 निर्धारित की गई थी। आवेदन के लिए अर्हता थी कि बीएड की डिग्री के साथ बीए में हिंदी एवं इंटर में संस्कृत विषय रहा हो।न्यायालय का भी खटखटाना पड़ा दरवाजा
कई अभ्यर्थियों के पास इंटर में संस्कृत विषय नहीं था, सो उन्होंने वर्ष 2018 में एकल विषय संस्कृत से इंटर किया, जिसका रिजल्ट आवेदन की अंतिम तिथि के बाद 29 अप्रैल 2018 को जारी किया गया था, जबकि विज्ञापन की शर्त थी कि आवेदन की अंतिम तिथि तक अर्हता पूरी होनी चाहिए। आयोग ने बाद में चार से 14 जून तक आवेदन के लिए अतिरिक्त समय दिया। 

इस दौरान बड़ी संख्या में उन अभ्यर्थियों ने भी आवेदन किए, जिन्होंने 29 अप्रैल 2018 को एकल विषय संस्कृत से इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी। ऐसे 135 अभ्यर्थियों का एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में चयन हो गया। लेकिन उनको नियुक्ति नहीं दी गई। अभ्यर्थी दावा कर रहे थे कि उन्होंने आवेदन की अंतिम तिथि 14 जून से पहले अर्हता पूरी की, जबकि आयोग आवेदन की अंतिम तिथि 16 अप्रैल मान रहा था।

अभ्यर्थियों ने न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने उन्हें राहत प्रदान करते हुए तीन सप्ताह में नियुक्ति देने का आदेश दिया है। चयनित अभ्यर्थी संतोष कुमार, सुनील कुमार शुक्ला, रेखा यादव, शीतला प्रसाद, पंकज आदि ने आयोग को आदेश की प्रति रजिस्टर्ड डाक से भेजकर मांग की है कि उनकी फाइलें माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को जल्द भेजी जाएं, ताकि तीन सप्ताह में उनकी नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी हो सके।

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