सरकारी और प्राइवेट माध्यमिक स्कूल एक-दूसरे के मददगार बनेंगे।

सरकारी और प्राइवेट माध्यमिक स्कूल एक-दूसरे के मददगार बनेंगे। दोनों आपस में संसाधनों को साझा करेंगे। निजी व सरकारी स्कूलों के शिक्षक भी एक-दूसरे स्कूल में जरूरत के अनुसार पढ़ाने जाएंगे। यही नहीं कक्षा नौ के पाठ्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, साइबर सिक्योरिटी व आपदा प्रबंधन आदि को शामिल किया जाएगा। चरणबद्ध तरीके से पाठ्यक्रम भी बदलेगा। नई शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए बनाई गई स्टीयरिंग कमेटी ने इस संदर्भ में अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। सोमवार को स्टेट टास्क फोर्स की बैठक होगी।

अब माध्यमिक स्कूलों में विद्यार्थियों को प्रोजेक्ट आधारित पढ़ाई करवाई जाएगी। विभिन्न विषयों में विद्यार्थी को प्रोजेक्ट दिया जाएगा। वहीं, कक्षा 6 से 12 तक का पाठ्यक्रम चरणबद्ध तरीके से बदला जाएगा, जो वर्ष 2022 से लागू होगा। नई नीति के तहत परीक्षा में बहुविकल्पीय सवाल भी शामिल किए जाएंगे। साथ ही शिक्षकों के लिए 50 घंटे का विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाने के साथ ही प्रत्येक विषय में शिक्षकों के बीच प्रतियोगिता करवाकर आपसी प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया जाएगा।
संवाद और कौशल विकास पर जोर
सरकारी माध्यमिक स्कूलों के विद्यार्थियों की संवाद कौशल और व्यक्तित्व विकास को तराशने पर जोर दिया जाएगा। 21 वीं शताब्दी की कौशल आधारित शिक्षा के तहत विद्यार्थियों को नव प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
ओलम्पियाड में भाग लेंगे विद्यार्थी
सरकारी माध्यमिक स्कूलों के विद्यार्थियों को विभिन्न गणित, विज्ञान सहित अलग-अलग विषयों के ओलम्पियाड में शामिल किया जाएगा। उन्हें इसके लिए तैयार किया जाएगा। विद्यार्थियों की कॅरियर काउंसिलिंग होगी। हेल्थ कार्ड बनेगा और आत्मरक्षा की ट्रेनिंग भी दी जाएगी

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