उत्तर प्रदेश शासन द्वारा समर कैम्प, सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम, 21 जून को स्कूल में योग दिवस मनाने जैसे आदेश जारी हो रहे हैं। शासन को भी पता है कि माध्यमिक शिक्षकों को 20 मई से 30 जून तक ग्रीष्मावकाश मिलता है, और यह ग्रीष्मावकाश के लिए शिक्षक अपने अर्जित अवकाश का त्याग करता है।
उसी के क्रम में शिक्षा निदेशक (मा.) उत्तर प्रदेश द्वारा हर वर्ष की भांति दिनांक 16 दिसंबर 2021 को जारी आदेश पत्रांक : शिविर/20563–20692/2021–22 द्वारा 21 मई 2022 से 30 जून 2022 को माध्यमिक विद्यालयों के लिए ग्रीष्मावकाश घोषित किया गया है।
जब शासन समर कैम्प, सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम, 21 जून को स्कूल में योग दिवस मनाने जैसे आदेश जारी कर रहा है तो उसे इंटरमीडिएट एजुकेशन एक्ट–1921 तथा वित्तीय हस्त पुस्तिका खण्ड–2 (भाग 2 से 4) में दिये गए नियमों के तहत शिक्षकों को अर्जित अवकाश की घोषणा भी करनी चाहिए।
उपसचिव, उत्तर प्रदेश शासन, शिक्षा अनुभाग–7 द्वारा दिनांक 24 फरवरी 1986 को जारी शासनादेश संख्या– 1527/15–7–1(48/84) में स्पष्ट किया गया है– “इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम–1921 के विनियमों के अध्याय–3 के विनियम 99 के अंतर्गत उक्त विद्यालयों के अध्यापकों को विभिन्न प्रकार के अवकाश उतनी ही अवधि के लिए तथा उन्हीं प्रतिबंधों के अधीन देय होते हैं, जितनी अवधि के लिए तथा जिन प्रतिबंधों के अधीन राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के अध्यापकों को, उन पर लागू नियमों के अंतर्गत, देय होते हैं। राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के अध्यापकों को, जो वैकेशन विभागीय कर्मचारी होते हैं, उपार्जित अवकाश का विनियमन ऐसी दशा में जब उनको शासकीय कार्य के कारण सम्पूर्ण या आंशिक दीर्घावकाश का उपभोग न करने दिया गया हो, वित्तीय नियम संग्रह, खण्ड 2 (भाग 2 से 4) के मूल नियम 81–ख (1) के द्वितीय प्रतिबंधात्मक खंड के प्रावधानों द्वारा होता है।”
मैं उत्तर प्रदेश शासन से मांग करता हूं कि उक्त प्रावधानों और नियमों के अंतर्गत समर कैंप, सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम, 21 जून को विद्यालय में योग दिवस मनाने जैसे जारी किए गए आदेश और शिक्षकों की ग्रीष्मावकाश में आंशिक कटौती के बदले अर्जित अवकाश दी जाए।