सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य बोर्डों को 10 दिनों के भीतर 12वीं कक्षा की मूल्यांकन स्कीम जारी करने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी राज्य बोर्ड सीबीएसई और आईसीएसई की तरह तय समयावधि में 31 जुलाई तक रिजल्ट घोषित करें। जस्टिस एएम खानविलकर और दिनेश माहेश्वरी की पीठ एडवोकेट अनुभा सहाय श्रीवास्तव की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें राज्य बोर्डों की 12वीं की परीक्षा रद्द करने की मांग की गई थी। आंध्र प्रदेश सरकार के 12वीं की परीक्षा कराने (जुलाई में संभावित) के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार के पास इसकी स्पष्ट योजना होनी चाहिए। हम कैसे छात्रों की जिंदगियों से खेल सकते हैं?
आपको बता दें कि सीबीएसई, सीआईएससीई, यूपी बोर्ड, एमपी बोर्ड, राजस्थान बोर्ड, पंजाब बोर्ड, हरियाणा बोर्ड, महाराष्ट्र बोर्ड, गुजरात बोर्ड समेत देश के अधिकांश बोर्डों ने अपनी 12वीं की परीक्षाएं कोरोना के चलते रद्द कर दी हैं। लेकिन आंध्र प्रदेश ने अभी तक 12वीं की परीक्षाएं रद्द नहीं की हैं। अदालत ने यह भी कहा कि सभी राज्य बोर्डों की एक समान मूल्यांकन स्कीम नहीं हो सकती। वह इस तरह का निर्देश नहीं दे सकती। पीठ ने कहा कि हर बोर्ड स्वायत्त और अलग है। ऐसे में कोर्ट एक समान मूल्यांकन स्कीम तय करने का आदेश नहीं दे सकता।