शिक्षक एमएलसी ध्रुव त्रिपाठी ने उपमुख्यमंत्री को पत्र भेजकर शिक्षकों को परीक्षा में शामिल न करने की गुहार लगाई है

चयन बोर्ड चयन बोर्ड की लिखित परीक्षा में पहली बार तदर्थ शिक्षकों को शामिल होना है। संशोधित विज्ञापन जल्द जारी होने के संकेत हैं और नए साल से ऑनलाइन आवेदन शुरू होंगे। शिक्षक नेता तदर्थ को बड़ी राहत दिलाने के लिए सरकार पर दबाव बना रहे हैं, उन्हें परीक्षा में शामिल होने से रोकने की मांग हो रही,चयन बोर्ड इन शिक्षकों को विशेष राहत देने की तैयारी में है लेकिन परीक्षा से छूट मिलने के आसार नहीं हैं।

चयन बोर्ड ने 29 अक्टूबर को प्रवक्ता व प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक भर्ती 2020 का विज्ञापन जारी किया था। 15508 पदों के लिए आवेदन शुरू हुए, विज्ञापन में तदर्थ शिक्षकों को मूल्यांकन में प्रतियोगियों से कम अंक देने का प्राविधान किया था। शासन ने तदर्थ शिक्षकों को विशेष महत्व देने का निर्देश दिया। उन्हें भारांक अधिकतम 35 अंक दिया जाना है। चर्चा है कि इसे बढ़ाया जा सकता है, हालांकि प्रतियोगी इसका विरोध कर रहे हैं उनकी मांग है कि भारांक अधिकतम 20 अंक ही हो। ऐसे में भारांक पूर्व विज्ञापन के समान ही हो सकता है। शिक्षक एमएलसी ध्रुव त्रिपाठी ने उपमुख्यमंत्री को पत्र भेजकर शिक्षकों को परीक्षा में शामिल न करने की गुहार लगाई है। उन्होंने सरकार को तीन ¨बदु सुझाए हैं जिनके माध्यम से तदर्थ शिक्षकों को बिना परीक्षा में शामिल किए नियमित किया जा सकता है।

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