प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को राज्यकर्मचारियों की तरह कैशलेस चिकित्सा व बीमा सुविधा की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब तलब किया है। याचिका में कहा गया कि राज्य कर्मचारियों की तरह परिषदीय
विद्यालयों के अध्यापक राज्य सरकार के निर्देश पर कोविड- 19 की ड्यूटी कर रहे हैं, इसके बावजूद उनको राज्य कर्मचारियों की तरह कोई सुविधा नहीं दी जा रही है। याचिका पर न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद को जवाब दाखिल करने को कहा।
याचीगण का पक्ष रख रहे अधिवक्ता अनिल सिंह बिसेन का
कहना था कि उत्तर प्रदेश सरकार, राज्यकर्मचारियों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा, बीमा कवर व कोविड महामारी के दौरान कार्य करने वाले कर्मचारियों को पचास लाख रुपये तक का बीमा कवर देती है, लेकिन परिषदीय शिक्षकों को ऐसी कोई सुविधा प्राप्त नहीं है।