शिक्षकों की चुनाव में ड्यूटी लगाना कानून जायज

प्रयागराज. Allahabad High Court Big Decision चुनाव में प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों की ड्यूटी को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से कई यूपी के ढेर सारे शिक्षक मायूस हो जाएंगे। इलाहाबाद हाईकोर्ट के दो जजों की खंडपीठ ने चुनाव कार्य में शिक्षकों की ड्यूटी को सही बताया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट बड़ा फैसला :- इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एमएन भंडारी एवं न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने कौशाम्बी जिले में बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूल के अध्यापक शिव सिंह की विशेष अपील को निस्तारित करते हुए यह बड़ा फैसला दिया है। अपीलार्थी का कहना था कि वह प्राइमरी स्कूल में अध्यापक है। उसे व उसके साथ के अन्य अध्यापकों को बीएलओ के रूप में चुनाव ड्यूटी पर लगाया जा रहा है, यह गलत है। याचिका में कहा गया था कि अध्यापकों का काम पढ़ाने का है, चुनाव ड्यूटी करने का नहीं। शिक्षकों से पढाई के अलावा काम लेने से विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित होगी।

शिक्षकों की चुनाव में ड्यूटी गैरकानूनी नहीं :- हाईकोर्ट एकल पीठ

इस याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट एकल पीठ ने आदेश देते हुए कहाकि, शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी में लगाना गैरकानूनी नहीं है। कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश नि:शुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियमावली 2011 की धारा-27 शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी लगाने की अनुमति देता है।

सुप्रीम कोर्ट ने भी दे रखा है आदेश :- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहाकि, सुप्रीम कोर्ट ने भी इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया बनाम सेंट मेरीज स्कूल के केस में यह फैसला दिया है कि शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी में लगाया जा सकता है। एकल पीठ ने याची की याचिका खारिज कर दी थी। खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश में किसी भी प्रकार हस्तक्षेप से इनकार कर दिया और अपील निस्तारित कर दी।

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