शासनादेश का पेच महाविद्यालयों के शिक्षकों को पहली बार प्रोफेसर पद पर प्रोन्नति

महाविद्यालयों के शिक्षकों को पहली
बार प्रोफेसर पद पर प्रोन्नति हो रही है।
प्रदेश के सहायता प्राप्त महाविद्यालयों
•शिक्षक संगठन शासनादेश में
अधिकतर शिक्षकों को मूल्यांकन
में एसोसिएट प्रोफेसर पद पर कार्यरत
संशोधन के लिए बना रहे दबाव अवधि अर्थात पहली जनवरी 2006
शिक्षकों की प्रोफेसर पद पर प्रोन्नति में • एसोसिएट प्रोफेसर से प्रोफेसर से पहली जनवरी 2009 के बीच या
अहंताकीशों का पेंचफंस जारहा है। के पद पर होना है प्रमोशन
अद्यतन होगी, जिन्हें अबतीनशोध पत्र
अर्हता के कारण प्रोन्नति में आ रही
मूल्यांकन अवधि के देने होंगे। इस तरह
बाधाएं दूरकरने के लिए शिक्षक संगठन नियमों एवं शासन के आदेशों के 15 वर्षों बाद पुरानी अर्हता कोई कैसे
अब शासनादेश में संशोधन के लिए अनुसारएसोसिएट प्रोफेसर से प्रोफेसर पूरी करेगा, जबकि उस समय यूजीसी
दबाव बना रहे हैं।
पदपरप्रोन्नति तीन वर्ष की सेवा के बाद केयरलिस्ट प्रकाशित भी नहीं होती थी
शिक्षकों का कहना है कि होगी। इसके लिए 10 शोध पत्र एवं और स्वयं यूजीसी रेगुलेशन एक्ट भी
महाविद्यालयों में एसोसिएट प्रोफेसर मूल्यांकन अवधि के तीन वर्षों में तीन 2010 में आया। इसे लेकर उप
पदनाम पहली बार पहली जनवरी शोध पत्र यूजीसी केयर लिस्ट वाले मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को पत्र भी
2006 को प्राप्त हुआ था। यूजीसी जर्नल में प्रकाशित होना चाहिए। लिखा है।

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Up Secondary Education Employee ,Who is working to permotion of education

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