विद्यालय में हिजाब पर प्रतिबंध धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है.”

नई दिल्ली : विदेशों में धार्मिक स्वतंत्रता पर नजर रखने और रिपोर्ट करने वाली अमेरिकी सरकार की एक संस्था, अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता  (International Religious Freedom-IRF), ने कॉलेज कैंपस में मुस्लिम छात्राओं की हिजाब पहनने की मांग (Hijab Row in Karnataka) को लेकर उठे विवाद के बीच कर्नाटक की आलोचना की है. IRF के राजदूत रशद हुसैन (Rashad Hussain) ने कर्नाटक विवाद का जिक्र करते हुए ट्वीट किया, “स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है.”

रशद हुसैन के कार्यालय ने ट्वीट किया, “धार्मिक स्वतंत्रता में किसी को भी धार्मिक पोशाक चुनने की आजादी शामिल है. भारतीय राज्य कर्नाटक को धार्मिक कपड़े पहनने की अनुमति का निर्धारण नहीं करना चाहिए. स्कूलों में हिजाब प्रतिबंध धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है और यह महिलाओं और लड़कियों को कलंकित और हाशिए पर रखता है.”

दुनियाभर में धार्मिक स्वतंत्रता की बात करने वाली यह संस्था, जिसके राजदूत हुसैन हैं, अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता कार्यालय के अंतर्गत आती है, जिसने भारत में धार्मिक आधार पर तनाव पर अतीत में भी टिप्पणी की है.

इस बीच, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा है कि वह सोमवार को हिजाब प्रतिबंधों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई फिर से शुरू करेगा. उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को अपने अंतरिम आदेश में कहा कि शैक्षणिक संस्थानों के अंदर किसी भी तरह के धार्मिक पोशाक, चाहे शॉल हो या हिजाब, की अनुमति नहीं होगी.

हिजाब विवाद के चलते कर्नाटक में कक्षा 11वीं और 12वीं कक्षाएं और कॉलेज बुधवार (16 फरवरी) तक बंद रखने का फैसला किया गया है. कर्नाटक सरकार की ओर से घोषणा की गई है कि कक्षाएं बंद रहेंगी क्‍योंकि हिजाब प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई होनी है. हालांकि कक्षा 10 तक के लिए स्‍कूल खुले रहेंगे. गौरतलब है कि इससे पहले, हिजाब विवाद  बढ़ने के चलते राजधानी बेंगलुरू में पुलिस ने शिक्षण संस्‍थानों के नजदीक सभी तरह के जमावड़ों और प्रदर्शनों  को दो सप्‍ताह के लिए प्रतिबंध लगाया जा चुका है.

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