अपर मुख्य सचिव, माध्यमिक शिक्षा श्रीमती आराधना शुक्ला द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि–अतः शिक्षा निदेशक माध्यमिक द्वारा उपलब्ध कराई गई आख्या, पत्रावली में उपलब्ध रक्षित अभिलेखों के सम्यक विचारोंपरान्त याची श्री रोहित स्प्रिंग की नियुक्ति विधिक न होने के कारण माननीय उच्च न्यायालय, खंडपीठ लखनऊ में आयोजित याचिका संख्या-23532(एस0 एस0)/2020 रोहित स्प्रिंग बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य मैं पारित आदेश दिनांक 11-08-2021 के समादर में याची के प्रत्यावेदन दिनांक 11.09 .2021 एवं 17.11.21 को अस्वीकार करते हुए निस्तारित किया जाता है। “* *लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज के तत्कालीन सेक्रेटरी/मैनेजर श्री एस0 डब्ल्यू0 प्रसाद द्वारा फर्जीवाड़ा कर श्री रोहित स्प्रिंग की प्रधानाचार्य पद पर नियुक्त की गई थी। मंडलीय समिति के अनुमोदन के पश्चात श्री रोहित स्प्रिंग द्वारा दिनांक 03.09.14 को विद्यालय में कार्यभार ग्रहण किया गया था। बाद में श्री रोहित स्प्रिंग की नियुक्ति में किए गए फर्जीवाड़ा की शिकायत की जांच हुई और उसके पश्चात मंडलीय समिति द्वारा दिनांक 14 मई, 2015 को प्रधानाचार्य पद पर श्री रोहित स्प्रिंग की नियुक्त को निरस्त कर दिया गया। जिसके विरुद्ध श्री रोहित स्प्रिंग द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में याचिका आयोजित की गई जिसमें पारित आदेश के क्रम में शासन ने सुनवाई की और शासन ने भी नियुक्ति को निरस्त/अमान्य कर दिया।*+8
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