राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय प्रयागराज का नामकरण भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के नाम पर

प्रयागराज में विधि विश्वविद्यालय खोलने की घोषणा साढ़े 18 साल पहले 8 जनवरी 2003 को तब हुई थी जब शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क स्थित पब्लिक लाइब्रेरी में प्रदेश विधानसभा की विशेष बैठक हुई थी। तब प्रदेश में भाजपा और बसपा की संयुक्त सरकार थी और मायावती प्रदेश की मुख्यमंत्री थीं। मायावती ने ही विधि विश्वविद्यालय खोलने की घोषणा की थी।

पं. केशरी नाथ त्रिपाठी तब प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष थे, और विधानसभा के उत्तरशती समारोह के तहत यह विशेष बैठक उन्हीं की पहल पर आयोजित हुई थी। विधि विश्वविद्यालय खोलने की पहल पं. केशरीनाथ त्रिपाठी ने ही की थी। इस अनूठी बैठक में तत्कालीन राज्यपाल स्वर्गीय विष्णुकांत शास्त्री, बतौर मुख्यमंत्री मायावती, केशरी नाथ त्रिपाठी, विपक्ष के नेता प्रमोद तिवारी ने विचार रखे थे जबकि सपा ने इसका बहिष्कार किया था। 2017 में सूबे में भाजपा की सरकार बनने के बाद से प्रयागराज में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय बनाने की कवायद शुरू हुई।

प्रयागराज के दौरे पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने झलवा में उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय प्रयागराज की आधारशिला रखी। इसके बाद ही उत्तर प्रदेश सरकार ने भी एक कदम बढ़ा दिया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज के उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय प्रयागराज का नामकरण भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के नाम पर करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय विश्व स्तरीय विधि शिक्षा का केंद्र बनेगा। आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने 297 करोड़ की लागत से प्रयागराज में बनाए जाने वाले इस राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी।

प्रयागराज के झलवा में उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के निर्माण का कार्य भी शीघ्र ही शुरू किया जाएगा। प्रयागराज में इलाहाबाद हाई कोर्ट होने के कारण लम्बे समय से राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की भी प्रतीक्षा थी। प्रयागराज ने देश को मदन मोहन मालवीय, मोतीलाल नेहरू, तेज बहादुर सप्रू व कैलाश नाथ काटजू जैसे अधिवक्ता दिए हैं। राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय कानूनी शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए बेहद जरूरी माना जा रहा था।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके आधारशिला रखे जाने के कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कहा कि विधि विश्वविद्यालय का नाम देश के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद के नाम पर रखने का सुझाव दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि उनका संगमनगरी से आत्मीय नाता था। अपने जीवनकाल में वह हर कुंभ में आए। इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसका नामकरण भी कर दिया।

विधि की पढ़ाई के लिए प्रयागराज जल्दी ही हब बनेगा। इसके लिए शासन स्तर से कवायद चल रही है। झलवा में विधि विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए लखनऊ में ही टेंडर जारी कर दिया है। जल्दी ही टेंडर आवंटित कर निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा। इस काम को कराने के लिए लोक निर्माण विभाग के निर्माण खंड एक को जिम्मेदारी सौंपी गई है। निर्माण खंड एक के जूनियर अभियंताओं की टीम मौके पर लगा दी है। राष्ट्रपति के कार्यक्रम को देखते हुए इसे और गति दे दी गई है। इसके निर्माण में कुल 220 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। 

विधि विश्वविद्यालय की स्थापना यहां 24 एकड़ में की जाएगी। इसमें विश्वविद्यालय के मुख्य प्रशासनिक भवन के साथ छात्रों के लिए कक्षाएं, आठ सौ लोगों के एक साथ बैठने के लिए एक ऑडिटोरियम, शिक्षकों, कर्मचारियों के लिए अलग-अलग कई तरह के आवास, छात्र-छात्राओं के लिए अलग से हॉस्टल बनाए जाएंगे। इसे नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया बंगलूरू यूनिवर्सिटी की तर्ज पर बनाया जाएगा।

नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया 18 एकड़ में बना है। पहले चरण में यहां 80 सीटों की व्यवस्था की जाएगी। इसमें डिप्लोमा, डिग्री पाठ्यक्रम चलाए जाएंगे। इसके साथ ही न्यायिक व अन्य विधि सेवाएं, विधि निर्माण, विधि सुधार के क्षेत्र में शोध की सुविधा होगी। लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता अशोक कुमार द्विवेदी ने कहा कि निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहीत कर ली गई है। अब टेंडर आवंटित होने के बाद काम शुरू हो जाएगा। 

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस होंगे कुलाध्यक्ष
विधि विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश होंगे जबकि इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विश्वविद्यालय के कुलाधिपति होंगे। कुलाधिपति ही विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति करेंगे। विवि में महापरिषद, कार्य परिषद, शैक्षिक परिषद, वित्तीय समिति का गठन होगा।
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