उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाई स्कूल बोर्ड परीक्षा के परीक्षार्थियों को कक्षा 9वीं के 50 प्रतिशत और कक्षा 10वीं प्री-बोर्ड के प्राप्तांक के 10 प्रतिशत अंक देकर परीक्षा परिणाम जारी किया जाएगा। वहीं इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों को 10वीं कक्षा के 50 प्रतिशत, 11वीं कक्षा के 40 प्रतिशत और 12वीं प्री-बोर्ड के प्राप्तांक के दस प्रतिशत अंक देकर परीक्षा परिणाम घोषित किया जाएगा। परीक्षा परिणाम का फॉर्मूला तय करने के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने विभिन्न स्तर से रायशुमारी के बाद ड्राफ्ट तैयार किया है।
प्रदेश में कोरोना संक्रमण के चलते हाई स्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा को रद्द किया गया है। प्रदेश सरकार ने हाई स्कूल के 29,94,312 और इंटरमीडिएट के 26,10.316 परीक्षार्थियों को बिना परीक्षा के उत्तीर्ण करने का निर्णय किया है। हाई स्कूल और इंटरमीडिए बोर्ड परीक्षा परिणाम का फॉर्मूला तय करने के लिए एसीएस आराधना शुक्ला की अध्यक्षता में गठित कमेटीृ को 3910 सुझाव मिले हैं। प्रदेश के विधायकों, शिक्षा विदें, अभिभावकों, शिक्षकों ने इसमें सुझाव दिए हैं। सभी सुझावों का अध्ययन कर समिति ने विद्यार्थियों के हित में समिति रिपोर्ट तैयार की है।
इसलिए अलग है यूपी का फॉर्मूला
सीबीएसई में पठन पाठन की प्रक्रिया अलग है। यूपी बोर्ड में पठन-पाठन अलग है। यूपी बोर्ड में पहली बार प्री-बोर्ड परीक्षा हुई है जबकि सीबीएसई में पिछले लंबे समय से प्री-बोर्ड हो रहा है। कृषि, शारीरिक शिक्षा के लिए अलग-अलग फार्मूला होगा। समिति की ओर से तैयार ड्राफ्ट का 20 जून तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने प्रस्तुतीकरण किया जाएगा। मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद उसे लागू किया जाएगा।
फीस वापस नहीं होगी
बताया जाता है कि हाई स्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड में बिना परीक्षा के उत्तीर्ण होने वाले परीक्षार्थियों को आगामी समय में होने वाली बोर्ड परीक्षा में अंक सुधार का मौका दिया जाएगा। परीक्षार्थी एक विषय या सभी विषय में परीक्षा देकर अपना परिणाम सुधार सकेंगे। उस समय उनसे परीक्षा शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसलिए परीक्षार्थियों से लिया गया परीक्षा शुल्क वापस नहीं किया जाएगा।