यूपी बोर्ड की तरफ से परीक्षा पैटर्न में बदलाव किया गया

यूपी बोर्ड की तरफ से परीक्षा पैटर्न में बदलाव किया गया है. इस नए बदलाव के तहत अब कक्षा 10वीं की परीक्षा में एमसीक्यू (MCQ) प्रश्न व कक्षा 9वीं और 11वीं के छात्रों के लिए इंटर्नशिप को शामिल किया गया है. साथ ही संस्कृत को प्रौद्योगिकी से जोड़ने पर ध्यान केंद्रित करना उन प्रमुख परिवर्तनों में से एक है. यूपी बोर्ड अगले सत्र से शुरू होने वाले अपने पाठ्यक्रमों में यह बदलाव लाएगा. अधिकारियों ने बताया कि अगले साल 2023 से कक्षा 10वीं की बोर्ड की परीक्षाओं के सभी विषयों के 30 प्रतिशत प्रश्न एमसीक्यू होंगे. इसी के साथ छात्रों को उनके उत्तर देने के लिए ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन शीट (OMR Sheet) दी जाएगी.

उन्होंने यह भी बताया कि साल 2025 से यूपी बोर्ड की कक्षा 12वीं की परीक्षाओं के लिए भी इसी पैटर्न को फॉलो किया जाएगा. छात्रों के रोजगार की संभावनाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बोर्ड की ओर से एक नए कार्यक्रम की भी शुरुआत की जाएगी. इस कार्यक्रम के तहत कक्षा 9वीं व 11वीं के छात्रों को इंटर्नशिप दी जाएगी. यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने गुरुवार को कहा कि “परीक्षाओं में सभी प्रश्नों में से 30 प्रतिशत एमसीक्यू प्रश्न होंगे और छात्रों को उनका उत्तर देने के लिए OMR शीट दी जाएगी. हम इस प्रारूप का उपयोग इस बार कक्षा 9वीं की परीक्षाओं में कर चुके हैं और अगले साल से इसे कक्षा 10वीं की परीक्षाओं में भी दोहराया जाएगा.”

यह फैसला बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में एक बैठक के दौरान लिया गया था. एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि इंटर्नशिप कार्यक्रम का विवरण अब तक तय नहीं किया गया है. इसको लेकर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. हालांकि, थोड़े ही समय में इसके बारे पूर्ण रूप से जानकारी दी जाएगी. इन इंटर्नशिप के माध्यम से कक्षा 9वीं और 11वीं के छात्र कई प्रकार की नौकरियों से परिचित हो जाएंगे.

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि राज्य के सभी स्कूलों में आने वाले 100 दिनों में वाई-फाई कनेक्शन, स्मार्ट क्लासरूम, छात्रों के लिए एक ट्रैकिंग सिस्टम और बायोमेट्रिक उपस्थिति की सुविधा उपलब्ध हो. उन्होंने छात्रों के मार्गदर्शन के लिए एक ऑनलाइन करियर परामर्श पोर्टल ‘पंख’ को शुरू करने की घोषणा की थी.

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि संस्कृत को प्रौद्योगिकी से जोड़ने की जरूरत है. इसके लिए 180 घंटे के सर्टिफिकेट और 360 घंटे के डिप्लोमा कार्यक्रम शुरू किए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि सभी शिक्षण पदों की रिक्तियों को तत्काल भरा जाए और पूरे राज्य में योग शिक्षकों के पदों पर नियुक्तियां भी की जाए. 

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