लम्बी कवायद के बाद यूपी बोर्ड़ परीक्षा के रिजल्ट का फार्मूला तय हो गया है‚ लेकिन इसका ऐलान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंजूरी के बाद ही होगा। रिजल्ट के लिए फार्मूला तय करने वाली समिति की रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंच गयी है और सीएम की माध्यमिक शिक्षा मंत्री व उपमुख्यमंत्री ड़ा. दिनेश शर्मा एवं अफसरों की बैठक के बाद ही अधिकृत रूप से इसका खुलासा होगा॥। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री जिलों के दौरे पर हैं। उनके समक्ष १९ या २० जून को हाईस्कूल व इंटरमीडि़एट का परीक्षाफल घोषित करने के लिए बनाये गये फार्मूला पर मंथन होने के बाद ही निष्कर्ष निकलेगा‚ लेकिन यह सीबीएसई के पैटर्न से कुछ अलग होगा। इसके संकेत लगातार विभागीय अफसर दे रहे हैं॥। सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल परीक्षा के परीक्षार्थियों के रिजल्ट में ९वीं कक्षा के अंकों का आधा व १०वीं कक्षा में प्री–बोर्ड के प्राप्तांक के १० प्रतिशत अंक लिये जा सकते हैं। दोनों को मिलाकर हाईस्कूल का रिजल्ट बनेगा‚ जबकि इंटरमीडिएट के विद्यार्थियों के लिए १०वीं‚ ११वीं कक्षा के अंकों का कुछ हिस्सा व १२वीं कक्षा के प्री–बोर्ड परीक्षा के प्राप्तांक को जोड़़कर रिजल्ट का फार्मूला तय किया गया है। परीक्षा परिणाम का फार्मूला तय करने के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला की अध्यक्षता वाली कमेटी ने एक सप्ताह का समय लेकर ड्राफ्ट तैयार किया है। समिति की ओर से तैयार ड्राफ्ट एक–दो दिन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। ॥ मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद उसे लागू किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि सुझावों के दौरान सभी पक्षों ने कहा था कि सीबीएसई में पठन– पाठन की प्रक्रिया अलग है और यूपी बोर्ड की अलग। यूपी बोर्ड में पहली बार प्री–बोर्ड परीक्षा हुई है‚ जबकि सीबीएसई में लंबे समय से प्री–बोर्ड परीक्षा हो रही है। कृषि‚ शारीरिक शिक्षा विषय के लिए अलग–अलग फार्मूला होगा। ऐसे में सीबीएसई के फार्मूला से यूपी बोर्ड़ का परीक्षा परिणाम तय करने के लिए प्रक्रिया अलग होगी। ॥ सूत्रों का कहना है कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड में बिना परीक्षा के उत्तीर्ण होने वाले परीक्षार्थियों को आगामी समय में होने वाली बोर्ड परीक्षा में अंक सÙधार का मौका दिया जाएगा। इसके मद्ेनजर छात्रों से लिया गया परीक्षा शुल्क नहीं लौटाया जाएगा और परिणाम सुधार के लिए आवेदन करने के दौरान उनसे शुल्क नहीं लिया जाएगा॥। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के चलते हाईस्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा को रद् किया गया है। प्रदेश सरकार ने हाईस्कूल के २९‚९४‚३१२ और इंटरमीडिएट के २६‚१०‚३१६ परीक्षार्थियों को बिना परीक्षा के उत्तीर्ण करने का निर्णय लिया है। ॥
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