लखनऊ। हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने कहा है कि बेदाग सर्विस कॅरिअर वाले अर्ह सरकारी कर्मचारी को तरक्की से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा, ऐसे कर्मी की जगह किसी और को प्रोन्नति देने से योग्य कर्मचारी हतोत्साहित होता है।
न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह व न्यायमूर्ति बालकृष्ण नारायण की खंडपीठ ने यह टिप्पणी डॉ. रक्षा गोस्वामी की याचिका मंजूर करते हुए निर्णय में की। कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार पर एक लाख रुपये का हर्जाना भी किया है जिसमें से आधी धनराशि याचिकाकर्ता को मिलेगी और शेष हाईकोर्ट लखनऊ स्थित मीडिएशन सेंटर में जमा होगी। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार समेत अन्य पक्षकारों को निर्देश दिया है कि वे डॉ. गोस्वामी को आयुर्वेद निदेशक पद पर बहाल कर सभी हितलाभों समेत कार्य करने की इजाजत दें कोर्ट ने याची की नियुक्ति आयुर्वेद निदेशक