गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरविंद कुमार (Gujarat HC CJ Arvind Kumar) शुक्रवार को भेष बदल कर सिविल कोर्ट का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे और उन्होंने वहां जो देखा, उसे देखकर वे भी हैरान रह गए. मिली जानकारी के मुताबिक जस्टिस अरविंद कुमार ने अपनी पुलिस सुरक्षा को करीब 1 किलोमीटर पहले ही छोड़ दिया और ऑटो से कोर्ट पहुंचे. इस दौरान उन्हें कोर्ट के पांचों सीनियर जज अनुपस्थित मिले. इन जजों को चीफ जस्टिस ने चेतावनी जारी की है.
सूत्रों के मुताबिक जस्टिस अरविंद जब सिविल कोर्ट पहुंचे तो उन्होंने आम आदमी जैसा दिखने के लिए सामान्य ट्राउजर और शर्ट पहनी हुई थी. जस्टिस अरविंद कुछ ही वक़्त पहले गुजरात हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस नियुक्त हुए हैं. उन्होंने इस निरीक्षण से पहले अपने स्टाफ या फिर सिविल कोर्ट में किसी को भी सूचना नहीं दी थी. किसी को पता न चले इसके लिए ही उन्होंने सुरक्षा को कुछ दूर छोड़कर एक ऑटो लिया और उसी से कोर्ट पहुंचे थे.
क्या था सिविल कोर्ट का हाल?
जानकारी के मुताबिक जस्टिस अरविंद ने कोर्ट में घुसते हुए पाया कि सुरक्षा के इंतजाम नाम-मात्र के भी नहीं हैं. सूत्र ने बताया कि धनबाद और दिल्ली कोर्ट की घटना के बावजूद सिविल कोर्ट परिसर में पर्याप्त सुरक्षा मौजूद नहीं थी. गेट पर भी सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं थे. चीफ जस्टिस ये देखकर हैरान रह गए कि दोपहर 3:50 पर ही कोर्ट के 5 सीनियर जज गायब थे, जबकि कोर्ट चलने का वक़्त शाम 5 बजे तक होता है. इसके बाद जस्टिस अरविंद प्रिंसिपल सेशन जज के पास पहुंचे जो कि अपने न्यायिक कार्यों में व्यस्त थे. वे कोर्टरूम में मास्क पहन कर बैठ गए जिससे उन्हें कोई पहचान न सके, और पूरी कार्यवाही सुनी.
पांचों जजों को दिया गया नोटिस
चीफ जस्टिस ने अनुपस्थित पाए गए इन पंचों जजों को चेतावनी देते हुए नोटिस जारी कर दिया है. इन सभी को 5 बजे तक कोर्टरूम में मौजूद रहने की हिदायत भी दी गई है. बता दें कि आमतौर पर चीफ जस्टिस इस तरह की स्पेशल विजिट नहीं करते रहे हैं. आमतौर पर हाईकोर्ट के जज लोअर कोर्ट में ऐसे लोगों को नियुक्त करते हैं जो वहां चल रहे कामकाज की जानकारी देते रहते हैं.
दिल्ली में सामने आया था ऐसा ही मामला
बता दें कि कुछ सालों पहले दिल्ली हाईकोर्ट की कार्यकारी चीफ जस्टिस गीता मित्तल ने इसी तरह का औचक निरीक्षण किया था. इस दौरान भी कई न्यायिक अधिकारी कोर्ट रूम और अन्य न्यायिक कार्रवाइयों से गायब मिले थे. गीता मित्तल सुबह 10 बजे निरीक्षण के लिए पहुंची थीं लेकिन काफी अधिकारी गायब थे. बता दें कि गुजरात की निचली अदालतों में काफी संख्या में मामले लंबित हैं.
राष्ट्रीय न्यायिक ग्रिड के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में अब तक 20 लाख से अधिक मामले, जिनमें 4.6 लाख से अधिक दीवानी मामले और 15.3 लाख आपराधिक मामले लंबित हैं. अहमदाबाद में कुल 5.48 लाख मामले लंबित हैं, जिनमें से 97,000 दीवानी मामले और 4.51 लाख आपराधिक मामले हैं.