वाराणसी, जागरण संवाददाता। बीएचयू में लंबे समय से कुलपति पद का इंतजार आखिरकार खत्म हो गया। प्रो. एस के जैन बीएचयू के कुलपति बनाए गए हैं। इस बाबत राष्ट्रपति भवन से राजाज्ञा जारी होने के बाद से परिसर में रविवार को गहमागहमी शुरू हो गई। माना जा रहा है कि बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूजन करने के बाद नए कुलपति बीएचयू में पदभार ग्रहण करेंगे। शनिवार को बीएचयू के रजिस्ट्रार के नाम मिनिस्ट्री आफ एजूकेशन डिपार्टमेंट आफ हायर एजूकेशन की ओर से पत्र जारी कर नए कुलपति के नियुक्ति की सूचना जारी की गई है। प्रोफेसर राकेश भटनागर का कार्यकाल मार्च 2021 में खत्म होने के बाद से ही रेक्टर वीके शुक्ल के पास कुलपति का कार्यभार था।
प्रोफेसर सुधीर जैन इस समय आइआइटी गांधीनगर में बतौर प्रोफेसर तैनात हैं। 1979 में रुढ़की से उन्होंने बी ई किया था। 1980 में एमएस कैलीफोर्निया इंस्टिट्यूट आफ टेक्नॉलॉजी से और वहीं से रिसर्च भी उन्होंने किया था। भूकंपीय अध्ययन पर उनकी दो किताबें भी काफी चर्चा में रही हैं। इसके अलावा दर्जनों राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान उनको मिल चुका है। उनको वर्ष 2020 के लिए पद्म श्री सम्मान भी मिल चुका है।
प्रो. सुधीर जैन गुजरात से भी संबंधित रहे हैं। बीते माह 7-8 अक्टूबर को इस बाबत सभी का साक्षात्कार हुआ था। पद्मश्री प्रो. सुधीर जैन आइआइटी- गांधीनगर और आइआइटी-कानपुर के सिविल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर रह चुके हैं। प्रोफेसर सुधीर कुमार जैन आइआइटी- कानपुर में बतौर सिविल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर भी तैनात रह चुके हैं। इस समय वह आइआइटी-गांधीनगर के तीसरी बार डायरेक्टर रह चुके हैं। बीएचयू के लिए दूसरा मौका है जब कोई पद्म पुरस्कार सम्मानित वैज्ञानिक बीएचयू का कुलपति बन रहा है। इससे पहले जौनपुर के मूल निवासी डीएनए विशेषज्ञ डाक्टर लालजी सिंह को बनाया गया था। वह भूकंपीय अध्ययन और स्ट्रक्चरल डायनामिक्स के बड़े विशेषज्ञ भी माने जाते हैं। वहीं एक बड़े वैज्ञानिक के रूप में देश भर में उनकी ख्याति होने की वजह से उनको प्रबल दावेदार माना जा रहा था।