मेघालय के पूर्वी पश्चिम खासी हिल जिले के मवनई गांव के रहनेवाले 40 वर्षीय एक सहायक प्रोफेसर ने छह वर्षों में 40 हजार किलोमीटर साइकिल चलाकर एक इतिहास रच दिया है। उनका मकसद युवाओं को स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए साइकिल का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करना है।
डॉ. पायनियारलांग नोंगब्री ने पहली साइकिल तब खरीदी थी, जब वह बच्चे थे। दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में जब 2005 में पीएचडी में उन्होंने दाखिला लिया तो साइकिल को अधिक गंभीरता से चलाना शुरू किया और अब एक इतिहास रच दिया है। महामारी के दौर में इसने उनकी कई मुश्किलें आसान कर दीं। नोंगब्री के मोबाइल पर स्ट्रावा एपसे पता चलता है कि उन्होंने 2021 में 11,172 किलोमीटर साइकिल चलाई और साइकिल चलाने का अधिकतम समय 675 घंटे था। इसमें कार्यालय जाने, खासी जैनतिया हिल्स जिले में अन्य स्थानों पर जाना शामिल है।
नोंगब्री ने कहा, मैं पिछले साल 234 दिन साइकिल चलाने में कामयाब रहा। महामारी ने मुझे बाहर निकलने और दूर-दराज़ के इलाकों में जाने का मौका दिया जिस दौरान मैंने लोगों से खुद को दूर रखा और स्वयं को कोविड-19 से सुरक्षित रखा। नोंगब्री 2013 में जर्मनी से लौटने के बाद दफ्तर जाने और वापस आने के लिए कभी भी कार या बस में सवार नहीं हुए। वह हमेशा ही साइकिल का इस्तेमाल करते थे। यहां तक कि तवांग, काजीरंगा, दार्जीलिंग और सिक्किम समेत कई स्थानों पर अकेले ही साइकिल पर गए। मेघालय साइकिलिंग एसोसिएशन ने उन्हें इस उपलब्धि पर बधाई दी