पिछली अवधि में अर्जित वेतन वृद्धि देने से केवल इसलिए इनकार नहीं किया जा सकता क्योंकि इस राशि के देय होने तक कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गया : गुजरात हाईकोर्ट

गुजरात हाईकोर्ट ने माना कि एक कर्मचारी (सरकारी कर्मचारी) द्वारा पिछली सेवा की अवधि में अर्जित वेतन वृद्धि को केवल इसलिए अस्वीकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि जब वेतन वृद्धि देय हुई तो उस समय तक उक्त कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गया। जस्टिस बीरेन वैष्णव ने दिल्ली हाईकोर्ट के साथ सहमति व्यक्त की कि जब पिछली अवधि की सेवा के वेतन वृद्धि अर्जित की गई तो इस आधार पर इनकार करना वैध नहीं है कि जिस तारीख को वेतन वृद्धि देय हुई, सरकारी कर्मचारी पद पर नहीं था क्योंकि वह सेवानिवृत्त हो गया था।

इलाहाबाद हाईकोर्ट की जज ने प्रयागराज हिंसा के आरोपी जावेद की पत्नी के घर को तोड़ने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग किया यह आयोजित किया गया कि ” 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारी ने पहले ही सेवा का एक वर्ष पूरा कर लिया है और वेतन वृद्धि अर्जित की गई है, बशर्ते उसका आचरण अच्छा हो। इस प्रकार यह पूरी तरह से मनमाना होगा यदि केंद्र सरकार के कर्मचारी द्वारा उसके अच्छे आचरण के आधार पर अर्जित वेतन वृद्धि से केवल इस आधार पर इनकार किया जाता है कि वह वेतन वृद्धि के अगले दिन नौकरी में नहीं था।” पीठ राज्य सरकार को याचिकाकर्ताओं के पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभों में एक वेतन वृद्धि और संशोधन का लाभ देने का निर्देश देने की मांग वाली ग्यारह याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।

केरल हाईकोर्ट ने ‘विजय बाबू’ जजमेंट पर संदेह जताया हाईकोर्ट ने कहा कि इसी तरह की प्रार्थनाओं के साथ वेतन वृद्धि के मुद्दे पर गुजरात राज्य बनाम तख्तसिंह उदयसिंह सोनागारा में गुजरात हाईकोर्ट द्वारा विचार किया गया था। गुजरात हाईकोर्ट ने तब हरि प्रकाश और अन्य बनाम हिमाचल प्रदेश राज्य और अन्य में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले, सफी मोहम्मद और अन्य बनाम राजस्थान राज्य और अन्य में राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले और गोपाल सिंह बनाम भारत संघ में दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर भरोसा किया था। यह न्यायालय उपरोक्त निर्णयों में लिए गए विचार से सहमत है कि सरकारी कर्मचारी 1 जुलाई को देय वेतन वृद्धि का हकदार है, भले ही वह 30 जून को सेवानिवृत्त हो गया हो। यह देखा गया कि जिस दिन वेतन वृद्धि देय हो गई थी, जिस दिन सरकारी कर्मचारी सेवानिवृत्ति के कारण पद पर नहीं था, इस कारण से वेतन वृद्धि से इनकार करना संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है और वेतन वृद्धि के भुगतान की योजना है सिविल सेवा नियमों के अनुच्छेद 151 के के तहत है। Also Read – ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार तदनुसार, पीठ ने निर्देश दिया कि याचिकाकर्ताओं को 12 सप्ताह की अवधि के भीतर वेतन वृद्धि प्रदान की जाए। केस टाइटल : जयंतीभाई बाहेचरभाई पटेल बनाम गुजरात राज्य केस नंबर: सी/एससीए/20181/2021 आदेश पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें

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