परीक्षा ड्यूटी से कतराने वाले शिक्षक होंगे कार्यमुक ््त््््त्््त््््त््त््््त्््त््््््््त्््त््््त््त््््त्््त््््््््त्््त््््त््त््््त्््त््््््््त्््त््््त््त््््त्््त््््््््त्््त््््त््त््््त्््त््््््््त्््त््््त््त््््त्््््््््््त्््त््््त््त््््त््््््््््््त्््त््््त््त््््त््््््््््््त्््त््््त््त््््त््््््््््््त्््त््््त््त््््त््््््््््््त्््त््््त््त््््त््््््््््््त्््त््््त््त््््त््््््््््््त्््त््््त््त््््त््््््््््््त्््त््््त््त्््त््््््््््््त्््त््््त्््््त््््््््््््त्््त््््त््््त््््््््््््त्््त््््त्््त््््््््््््त्््त्््््््त््््््््््््त्््त््््त्््््््त््््््््््््त्््त्््त्््््््त््््््््््््त्््त््त्््््््त््््््््््््त्््त्त्््््््त््््््््््््त््््त्््््््त््््््््््््त्््त्््््््त््््््््््््त््त्््््््त््््््््््््त्त्््््््त्््््््््््््््््््त्त्््््््त््््््््््््््््््त्त्््््््त्््््््््््््््््त्त्््््््त््््््््््््््््त्त्््््््त्््््््््््््््त्त्््््््त््््््््््््््त्त्््््््त्््््््््््््््््््त्त्््््््त््््््््््््््््््त्त्््््््त्््््््््््््््््त्त्््््््त््््््््््््््््त्त्््््््त्््््््््््््््त्त्््््््त््््््््््््््त्त्््््््त््््त््््््््््््््त्त्््््््््््त््््््््््््््त्त््््््््््त््््््््््््््त्त्््््््््त््््््््््््््त्त््््््््त््््््््््््््त्त्््््््त््््््््््््््त्त््््््त््््््््््््््त्त्््त्त््््््त््््््््््््््त्त््त्त््््््त््््््््््््््त््त््त्त््््््त््््््््््््््त्त््त्त््््््त्््््््््््््््त््त्त््््््त््््््््््््््त््त्त््््््त्््््््््््््््््त््त्त््््््त््््््््््््््््त््त्त््््््त्््््््््््््््त््त्त््््््त्््््््््््््््््त््त्त््््््त््््््््््््््््त््त्त््््््त्््््््््््््््त््त्त््््््त्््््््््््््््््त््त्त््््््त््््््््््््््््त््त्त््््््त्््््््््््््््त््त्त््््््त्््््््््््््््््त््त्त््््््त््््््््््््््््त््त्त््््््त्््््््््््््््््त््त्त््््््त््््््््््््््््त््त्त््््््््््््््््््््््त््त्त््््््््््््््््््््््््त््त्त्््््््््््््््््््््््त््त्त््््््््््््््््््््््त््त्त््््््््््््््््््््््््त््त्त्््््््््््््््््््््््त््त्त््््््््््््््््््््््त््त्त्त््््््््््््््््््््््त््त््त््त््त््त््त्््््््््््््््््््््््त््त्त््््््््््््््््््््््त््त्त्त््््््््््््््््््््््त््त््त््त््त््त्त्््््््््््््््््््््््त््त्त््््््््््््््््््््््त््त्त्त््््््््््््््््््््््त््त््त््त््त््त््््््््््््््््््त््त््त््त्त्््््््््््््््््््््््त््त्त््््््््््््््््््््््त््त्त्त््््््््््््््््््््््त्


वाराणसी, यूपी बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी से भागने वाले निजी विद्यालयों के शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी हो चुकी है। डीआईओएस ने निजी स्कूलों को चेतावनी पत्र भेजने के साथ ऐसे शिक्षकों को कार्यमुक्त करने का आदेश दिया है जिन्होंने परीक्षा ड्यूटी से मना किया। ड्यूटी से गायब होने वाले शिक्षकों के कारण शुरुआती दो दिन बोर्ड परीक्षा में अव्यवस्था फैल गई थी।

यूपी बोर्ड की मुख्य परीक्षाओं का बोझ धीरे-धीरे कम होने के बाद अब गैरजिम्मेदारों पर कार्रवाई की तैयारी है। डीआईओएस डॉ. विनोद कुमार राय ने बताया कि ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। निजी विद्यालयों की तरफ से माध्यमिक शिक्षा की वेबसाइट पर शिक्षकों की सूची अपलोड की गई थी। सूची के आधार पर बोर्ड परीक्षा में विभिन्न केंद्रों पर मुख्यालय से इनकी ड्यूटी लगाई गई मगर बिना किसी सूचना के यह शिक्षक ड्यूटी से गैरहाजिर हो गए। यही नहीं, अधिकतर ने फोन बंद कर दिए और केंद्रों तक सही सूचना नहीं भेजी। परीक्षा की शुरुआत में ही इससे अव्यवस्था फैल गई थी। अब ऐसे शिक्षकों को कार्यमुक्त करने का आदेश निजी स्कूलों को दिया गया है।

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