जनसंख्या नियंत्रण के उद्देश्य से राज्य विधि आयोग की तरफ से तैयार किए जा रहे नए कानून के मसौदे में दो बच्चों की नीति को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रस्ताव शामिल किए गए हैं।
इसमें दो बच्चों वाले सरकारी सेवकों को सेवाकाल में दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि, मुफ्त चिकित्सा व सस्ती ऋण सुविधा तथा सरकारी संस्थाओं से भवन भूखंड खरीदने पर छूट दिए जाने का प्रावधान शामिल है। आम जनता के सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित करके आयोग उत्तर प्रदेश जनसंख्या नियंत्रण, स्थिरीकरण एवं कल्याण) एक्ट 2021 के मसौदे को अंतिम रूप देने में जुटा है। आयोग एक्ट का यह मसौदा विचार के लिए राज्य सरकार को सौंपेगा। आयोग ने अपने मसौदे में दो बच्चों की नीति को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की सुविधाएं देने का प्रस्ताव किया है। ये सुविधाएं सरकारी नौकरी करने वाले ऐसे माता-पिता को दी जाएंगी, जो दो बच्चों के बाद स्वेच्छा से ऑपरेशन कराएंगे। आयोग ने ऐसे सरकारी सेवकों को सेवाकाल में दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि हाउसिंग बोर्ड या विकासप्राधिकरणों से भवन या भूखंड खरीदने परछूट घर बनाने के लिए सस्ती ब्याज दर पर ऋण सुविधा, बिजली गृहकर व जलकर में छूट दिए जाने, पीएफ फंड में तीन प्रतिशत की वृद्धि जाने, निःशुल्क चिकित्सा सुविधा या बीमा सुविधा देने तथा पूर्ण वेतन के साथ 12 महीने का मातृत्व या पितृत्व अवकाश दिए जाने जैसे प्रोत्साहन देने की सिफारिश की है।
बहु विवाह में रहेंगी ये बंदिशें
आयोग ने बहु विवाह की स्थिति में अलग तरह की शर्तें रखी हैं। यदि एक व्यक्ति ने दो या दो से अधिक शादियां की है तो उसकी सभी पत्नियों के बच्चों की संख्या एक साथ जोड़ी जाएगी। यदि दो बच्चों में से कोई एक या दोनों बच्चे दिव्यांग होंगे तो तीसरे बच्चे के होने पर एक्ट का उल्लंघन नहीं माना जाएगा। इसी तरह यदि दो बच्चों में से किसी एक या दोनों की मृत्यु हो जाती है और फिर तीसरा बच्चा पैदा होता है तो भी एक्ट का उल्लंघन नहीं माना जाएगा। एक बच्चे के बाद दूसरे बच्चे के समय जुड़वा बच्चे पैदा होने की स्थिति में भी एक्ट का उल्लंघन नहीं माना जाएगा।