विद्यार्थियों की तरह अब उनके गुरुजनों को भी प्रोजेक्ट वर्क करना होगा जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्रवक्ताओं को अब प्रोजेक्ट वर्क करना होगा इसके लिए उन्हें किसी विषय को चुनकर कार्ययोजना बनानी होगी और फिर उसके आधार पर उनका मूल्यांकन भी होगा प्रदेश के डायट में 12 सौ से ज्यादा प्रवक्ता है। पहली बार इन्हें प्रोजेक्ट आधारित काम दिया गया है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने आदेश जारी कर दिया है। डायट में डीएलएड प्रशिक्षण दिया जाता है लेकिन प्रवक्ता के उत्तरदायित्व में प्राईमरी और जूनियर स्कूलों के शिक्षकों को शैक्षिक रूप से सहयोग करना भी शामिल है। इस प्रोजेक्ट पर उन्हें अगले 2 शिक्षकों तक हर 2 हफ्ते में 3 दिन देने होंगे सभी प्रवक्ताओं को प्रवेक्षक के रूप में भी काम करना होगा। प्रवक्ताओं को अपने जिले की कम से कम 10 स्कूलों का चयन करना होगा और उनके साथ काम करना होगा हर हफ्ते अपने चयनित किसी स्कूल में जाना होगा और शिक्षकों के साथ पाठ योजना बनाने और सहयोग देना होगा वहीं हर दो महीने में प्रवक्ता अपने चयनित सभी स्कूलों में जाएंगे और वहां की शैक्षिक समस्याओं पर चर्चा करें शैक्षणिक सत्र के अंत में द्वारा चयनित स्कूलों की जाएगी
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