जिला विद्यालय निरीक्षक और उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की लापरवाही के कारण भटक रहे हैं चयनित शिक्षक

आवंटित विद्यालय में स्थान रिक्त न होने पर लौटाए गए चयनित शिक्षक समायोजन नहीं किए जाने से परेशान हैं। उनका कहना है कि वह जिला विद्यालय निरीक्षक और उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की लापरवाही के कारण भटक रहे हैं। पहले तो उन्हें चयन होने पर पदों के अधियाचन की गड़बड़ी की सजा मिली, अब नए अधियाचित पदों पर समायोजन न देकर चयन बोर्ड परेशान कर रहा है। समायोजन की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (एकजुट) की अगुवाई में गुरुवार को चयन बोर्ड का घेराव किया।

चयन बोर्ड ने अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय के लिए वर्ष 2016 और 2021 की प्रवक्ता संवर्ग (पीजीटी) एवं प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) भर्ती परीक्षा कराई। इसमें चयनित होने वाले शिक्षकों को अधियाचित पदों के सापेक्ष विभिन्न जिलों में विद्यालय आवंटित कर दिए गए। प्रदर्शन करने पहुंचे चयनित शिक्षकों सुषमा मिश्रा, नीलम देवी,आजाद कुमार, आकाश द्विवेदी, प्रियंका गौतम, वशिष्ठ प्रसाद, श्रीरंग प्रजापति, अजीत कुमार चौहान आदि के मुताबिक वह आवंटित किए गए विद्यालय में कार्यभार ग्रहण करने पहुंचे तो पद रिक्त न होने या गलत वर्ग का विद्यालय आवंटित होने के कारण वह नियुक्ति नहीं पा सके। माध्यमिक शिक्षक संघ एकजुट के प्रदेश संरक्षक डा. हरिप्रकाश ने कहा कि अधिकारियों की लापरवाही की कीमत चयनित शिक्षक चुका रहे हैं।

 उनका कहना है कि जब रिक्त पद के अनुरूप भर्ती परीक्षा आयोजित की गई तो चयन होने के बाद वहां पदों को लेकर संकट कैसे खड़ा हो गया? उन्होंने इस विसंगति के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक से लेकर चयन बोर्ड के सचिव, अध्यक्ष और शासन व प्रशासन को भी जिम्मेदार ठहराया। साथ ही चेताया कि चयनित शिक्षकों के साथ ज्यादती को संगठन बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने अविलंब नई संस्था आवंटित किए जाने की मांग रखी। उनके मुताबिक चयन बोर्ड के सचिव नवल किशोर ने 20 फरवरी तक समायोजन का आश्वासन दिया है। घेराव में शिक्षक संघ के मीडिया प्रभारी सुधाकर विद्यार्थी सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए शिक्षक सम्मिलित हुए।

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