केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद के फार्मूले को उच्चतम न्यायालय ने सही ठहराया

नई दिल्ली (एसएनबी/एजेंसी)। ॥ सीबीएसई की इस साल की १२वीं की बोर्ड की परीक्षा का मूल्यांकन छात्रों के पिछले तीन साल के प्रदर्शन के आधार पर तय किया जाएगा। १०वीं और ११वीं की परीक्षा में प्राप्त अंकों का ३०–३० प्रतिशत और १२वीं की परीक्षा के ४० प्रतिशत अंकों के आधार पर अंतिम परिणाम तय किया जाएगा। प्रैक्टिकल के अंक वास्तविक ही रहेंगे। सीबीएसई और सीआईएससीई ने कोर्ट को बताया कि वे ३१ जुलाई या उससे पहले १२वीं के नतीजे घोषित कर देंगे॥। जस्टिस अजय खानविलकर और दिनेश माहेश्वरी की बेंच ने सीबीएसई की विशेषज्ञ समिति द्वारा तय की गई मूल्यांकन पद्धति को हरी झंडी दे दी। कोरोना की दूसरी लहर के कारण इस साल बोर्ड की परीक्षाएं नहीं हो पाई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि हालात में सुधार हुआ और लिखित परीक्षा आयोजित हुई‚ तो छात्र अपने अंकों में सुधार के लिए उसमें शामिल हो सकते हैं। अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि १०वीं और ११वीं की परीक्षा को ३० प्रतिशत वेटेज दिया जाएगा‚ जबकि १२वीं की प्री–बोर्ड की परीक्षा को ४० प्रतिशत वेटेज दिया जाएगा। सीबीएसई ने कहा कि १२वीं कक्षा में २० अंक प्रायोगिक परीक्षा के लिए दिए जाएंगे। ॥ परीक्षा आयोजित करने की मांग को किया खारिजः सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा आयोजित करने की मांग को एक बार फिर खारिज कर दिया। छात्रों का एक वर्ग लिखित परीक्षा का आयोजन चाहता है। उनकी ओर से वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कहा कि अदालत को परीक्षा निरस्त करने के अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए। बेंच ने कहा कि जो छात्र लिखित परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं‚ उनके लिए विकल्प खुले हुए हैं। यदि परीक्षा आयोजित हुई‚ तो वह इसमें शामिल हो सकते हैं॥। बोर्ड़ ने ऐसे तैयार किया फार्मूलाः सीबीएसई ने कहा कि शैक्षणिक सत्र वर्ष २०२०–२१ की बोर्ड़ परीक्षा रद्द होने के बाद १२वीं कक्षा के विद्यार्थियों के मूल्यांकन के लिए हितधारकों से परामर्श की प्रक्रिया शुरू की गई‚ ताकि विद्यार्थियों और स्कूलों की जमीनी हालात की जानकारी प्राप्त की जा सके। बोर्ड़ ने न्यायालय में दाखिल हलफनामे में कहा‚ “समिति की अनुशंसाओं‚ सहोदय विद्यालय संकुलों से प्राप्त प्रतिपुष्टि‚ प्रधानाचार्यों की राय और विभिन्न पक्षों के प्रतिनिधियों की राय के आधार पर सीबीएसई ने फैसला किया कि १२वीं कक्षा में सैद्धांतिक विषयों का मूल्यांकन स्कूलों द्वारा किया जाएगा।”॥ द जो छात्र लिखित परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं‚ उनके लिए विकल्प खुले हुए हैं॥ द परिणाम तय करते समय १०वीं व ११वीं के अंकों को ३०–३० और १२वीं प्री–बोर्ड़ के नतीजों को ४०प्रतिशत वेटेज दी जाएगी॥ बोर्ड़ ने कहा कि १०वीं कक्षा के आधार पर ३० प्रतिशत अंक पांच विषयों में से तीन सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले विषयों के औसत के आधार पर दिए जाएंगे। वहीं‚ ११वीं कक्षा के आधार पर ३० प्रतिशत अंक वार्षिक परीक्षा के सैद्धांतिक प्रश्नों में प्रदर्शन के आधार पर दिए जाएंगे‚ जबकि १२वीं कक्षा के ४० प्रतिशत अंक मासिक परीक्षा‚ अर्धवार्षिक परीक्षा और प्री बोर्ड़ के आधार पर दिए जाएंगे। बोर्ड़ ने कहा‚ ‘१२वीं कक्षा की प्रायोगिक/आंतरिक मूल्यांकन के अंक वास्तविक आधार पर दिए जाएंगे‚ जिसे स्कूलों ने सीबीएसई के पोर्टल पर अपलोड़ किया है।’ सीबीएसई और सीआईएससीई ने कोर्ट को बताया कि वे ३१ जुलाई या उससे पहले १२वीं के नतीजे घोषित कर देंगे॥। बोर्ड़ ने कहा कि वह प्रत्येक स्कूल में पांच सदस्यों की परीक्षाफल समिति गठित कर सकता है‚ जिसमें स्कूल के प्रधानाचार्य को अध्यक्ष‚ १२वीं कक्षा को पढÃø़ाने वाले स्कूल के दो वरिष्ठ शिक्षकों और पड़़ोस के उच्च माध्यमिक स्कूल के दो शिक्षकों को सदस्य बनाया जा सकता है। यह समिति प्रत्येक परीक्षा के अंक का निर्धारण विश्वसनीय एवं भरोसेमंद मूल्यांकन के आधार पर करेगी। ॥ द जो छात्र लिखित परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं‚ उनके लिए विकल्प खुले हुए हैं॥ द परिणाम तय करते समय १०वीं व ११वीं के अंकों को ३०–३० और १२वीं प्री–बोर्ड़ के नतीजों को ४०प्रतिशत वेटेज दी जाएगी॥

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