कोराना महामारी के चलते केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) में दसवीं के विद्यार्थियों को बगैर परीक्षा के प्रमोट करने की प्रक्रिया भी प्रभावित हो रही है। स्कूल-कालेज बंद होने के कारण तीन वर्षों का डेटा एकत्र करना कमेटी को भारी पड़ रहा है। हालांकि विद्यालय स्तर पर गठित कमेटी के सदस्य इस संबंध में ऑनलाइन बैठक कर रहे हैं ताकि 15 मई के बाद स्कूल खुलने पर दसवीं के विद्यार्थियों का असेसमेंट किया जा सके।
सीबीएसई की सिटी कोआर्डिनेटर व सनबीम इंग्लिश स्कूल (भगवानपुर) की प्रधानाचार्य गुरमीत कौर ने बताया कि सीबीएसई की गाइड लाइन के अनुसार सभी विद्यालयों में प्रधानाचार्यों की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय कमेटी गठित की जा चुकी है। विद्यालय स्तर पर गठित कमेटियों ने विद्यार्थियों को प्रमोट करने के लिए रूपरेखा भी बनानी शुरू कर दी है। विद्यालय बंद होने के कारण ज्यादातर प्रधानाचार्य घराें से ही काम शुरू कर दिया है। कहा कि जनपद के प्राय: सभी बड़े विद्यालयों के प्रधानाचार्यों ने घर पर ही सारा सेटअप बना लिया है। कहा कि सनबीम शिक्षण ग्रुप ने सभी प्रधानाचार्यों को घर पर काम करने की सुविधा दे दी है। तीन साल के रिजल्ट की समीक्षा की जा रही है। कहा कि समिति को दसवीं के छात्रों को 80 अंक देना होगा। जबकि बीस अंक इंटरनल असेसमेंट के आधार संबंधित विषयों के अध्यापक देंगे। उन्होंने बताया कि दसवी के परीक्षार्थियों काे प्री-बोर्ड एग्जाम का 40 फीसद, अर्द्धवार्षिक परीक्षा का 30 फीसद व यूनिट टेस्ट का दस फीसद अंक देना है। हर विषय में अधिकतम अंक का औसत अंक देना है।
अब जुलाई में ऑनलाइन क्लास शुरू होने की उम्मीद
कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए शासन-प्रशासन ने अब सख्ती करनी शुरू कर दी है। इस क्रम में बेसिक शिक्षा विभाग ने 20 मई व माध्यमिक शिक्षा ने 15 मई विद्यालय बंद रखने का निर्णय लिया है। इस दौरान ऑनलाइन क्लास भी स्थगित कर दिया गया है। वहीं निजी विद्यालयों ने सरकार से ऑनलाइन क्लास शुरू करने की अनुमति मांगी है। हालांकि बेसिक शिक्षा विभाग व माध्यमिक शिक्षा ने 20 मई से ग्रीष्मावकाश घोषित करने पर विचार कर रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि अब ऑनलाइन क्लास भी जुलाई से ही शुरू होने की संभावना है।