कर्मचारियों के आश्रितों को दूसरे विभाग : उत्तर प्रदेश में सेवाकाल के दौरान दिवंगत हुए राज्य कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति देने के लिए अब विभागों में मूल सृजित पदों की संख्या के 10 प्रतिशत से ज्यादा अधिसंख्य पद नहीं सृजित किए जाएंगे। मृतक आश्रित को दूसरे विभाग में नौकरी देने का निर्णय करने के बारे में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित की जाएगी।
मृतक आश्रितों को मूल विभाग में अनुकंपा आधारित नौकरी देने में आ रही कठिनाई को देखते हुए राज्य सरकार ने बीते दिनों फैसला किया था कि ऐसे लोगों को दूसरे विभागों में भी नौकरी दी जा सकेगी। इस फैसले को लागू करने के लिए कार्मिक विभाग ने संशोधित की गई उत्तर प्रदेश सेवाकाल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती नियमावली मंगलवार को जारी कर दी है।
संशोधित नियमावली में कहा गया है कि मृतक आश्रितों को नौकरी देने के लिए किसी भी विभाग में मूल सृजित पदों की संख्या के अधिकतम 10 फीसद तक ही अधिसंख्य पद सृजित किये जाएंगे। इस सीमा के बाद भी यदि मृतक आश्रित रह जाते हैं तो उन्हें दूसरे विभागों में नौकरी दी जा सकेगी।इसके लिए कार्मिक विभाग सभी विभागों से रिक्त पदों का विवरण मांगेगा। रिक्तियों के आधार पर किस मृतक आश्रित को किस विभाग में नौकरी दी जाए, इस पर निर्णय करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित की जाएगी। समिति में कार्मिक, वित्त और न्याय विभागों के अलावा संबंधित विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव भी होंगे।
कर्मचारियों के आश्रितों का समर्थन करना समाज के नैतिक दायित्व का प्रतीक है। इन व्यक्तियों को समाज में सम्मान और उनके लिए सही संदर्भ प्रदान करने का प्रयास करना जरूरी है। इसका एक महत्वपूर्ण कदम है कर्मचारियों के आश्रितों को दूसरे विभागों में भी नौकरी मिलने का सुनहरा अवसर प्रदान करना।
नौकरी में समाज के आश्रितों का समावेश:
- समाज में सम्मान का स्रोत: कर्मचारियों के आश्रितों को दूसरे विभागों में भी नौकरी मिलने से समाज में उनका समावेश होगा और उन्हें समाज में सम्मान मिलेगा। इससे उनका सामाजिक स्थान मजबूत होगा और वे अपने आत्मसमर्पण के साथ समाज का हिस्सा बन सकेंगे।
- रोजगार के समान अधिकार: सभी व्यक्तियों को उचित और समान अवसर मिलना चाहिए, और इसमें कर्मचारियों के आश्रितों को भी शामिल होना चाहिए। दूसरे विभागों में नौकरी मिलने से उन्हें रोजगार के समान अधिकार मिलेंगे और वे अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकेंगे।
- कौशल विकास और स्वावलंबन: दूसरे विभागों में नौकरी प्राप्त करने से आश्रित कर्मचारियों को नए कौशल सिखने का अवसर मिलेगा। यह उन्हें स्वावलंबन की ओर बढ़ने में मदद करेगा और उन्हें अपने आत्मसमर्पण से आत्मनिर्भर बनने का मौका देगा।
समर्थन के लिए प्रतिबद्धता:
- नौकरी में समर्थन का समर्थन: सरकार और निजी क्षेत्र को ऐसी नीतियों को बनाए रखना चाहिए जो कर्मचारियों के आश्रितों को दूसरे विभागों में भी नौकरी मिलने में समर्थन करें। इससे उन्हें सही संदर्भ और मौके मिलेंगे जिनसे वे अपने कौशल का प्रदर्शन कर सकें।
- सामाजिक संगठनों का सहयोग: सामाजिक संगठनों को भी इस कार्य में सहयोग करना चाहिए। वे आश्रित कर्मचारियों को योग्यता और आत्मसमर्पण के आधार पर प्रमोट करके उन्हें नौकरी में समर्थन प्रदान कर सकते हैं।
- शिक्षा और प्रशिक्षण का समर्थन: कर्मचारियों के आश्रितों को शिक्षा और प्रशिक्षण के अवसरों का समर्थन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे उन्हें अधिक योग्यता हासिल होगी और वे आगे बढ़ सकेंगे।
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कर्मचारियों के आश्रितों को दूसरे विभागों में भी नौकरी प्रदान करने से हम समाज में एक सामाजिक समानता की दिशा में कदम बढ़ाएंगे। इससे न केवल उनका सम्मान बढ़ेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि समाज में सभी व्यक्तियों को समान अवसर मिलते हैं। इस प्रकार, हम समृद्धि और समाज में समानता की दिशा में कदम मिलाकर समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।