दिव्यांगजन को समूह क‚ ख‚ ग व घ में ४ प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने को पदों का होगा पुनर्चिह्नांंकन ॥ सहारा न्यूज ब्यूरो॥ लखनऊ॥। उत्तर प्रदेश लोक सेवाओं में दिव्यांगजनों को समूह ‘क’ ‘ख’ ‘ग’ एवं ‘घ’ में ४ प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने के लिए पदों को फिर चिह्नित किया जाएगा। इसके साथ ही अब एसिड़ पीडि़़तों को भी दिव्यांग की श्रेणी में रखकर उन्हें भी इस श्रेणी में आरक्षण का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही कैबिनेट ने चिह्नांकन के लिए आगे किसी भी तरह के संशोधन के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत कर दिया है॥। ज्ञातव्य है कि विकलांगजन (समान अवसर‚ अधिकार संरक्षण एवं पूर्ण भागीदारी) अधिनियम‚ १९९५ में ७ प्रकार की दिव्यांगताएं परिभाषित थीं। तत्क्रम में राजकीय सेवाओं में दिव्यांगजन की श्रेणी क्रमश& (१) oष्टिहीनता या कम oष्टि‚ (२) श्रवण ¾ास एवं (३) चलन क्रिया सम्बन्धी दिव्यांगता या प्रमस्तिष्कीय अंगघात को ३ प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण उपलब्ध था। इसको बाद में बढ़øाकर ४ प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण देने का निर्णय लिया गया। अब दिव्यांगताएं ७ प्रकार से बढ़ाकर २१ प्रकार की कर दी गई हैं। नव परिभाषित २१ प्रकार की दिव्यांगताओं में अंध और निम्न oष्टि‚ बधिर और श्रवण शक्ति में ¾ास‚ चलन दिव्यांगता में प्रमस्तिष्क घात‚ रोगमुक्त कुष्ठ‚ बौनापन‚ एसिड आक्रमण पीडि़त और पेशीय दुष्पोषण‚ स्वपरायणता‚ बौद्विक दिव्यांगता‚ विशिष्ट अधिगम दिव्यांगता और मानसिक अस्वस्थता को रखा गया है। पुनर्चिह्नांकन की इस प्रक्रिया के पूर्ण होने के उपरान्त दिव्यांगता की नवीन श्रेणियों के दिव्यांगजनों को लोक सेवाओं में आरक्षण का लाभ मिल सकेगा॥
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