उपमुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं शिक्षकों के साथ की मीटिंग,इन मुद्दों में चर्चा

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में शनिवार को उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा है कि प्रदेश में पहले नकल उद्योग था, आज वातावरण बदल गया है। परीक्षा केन्द्रों का निर्धारण पारदर्शिता के साथ होता है।नकल में रासुका का प्रावधान है। दस महीने पहले प्रवेश, परीक्षा की घोषणाएं हो जाती है।

हर संस्कृत स्कूल में अध्यापकों की नियुक्ति हो गई है। विधि में संस्कृत का पठन-पाठन शुरू हो गया। हर विद्यालय में प्लेसमेंट सेल बनाया गया है। उप मुख्यमंत्री ने परिसर में नवनिर्मित आवास संकुल का लोकार्पण एवं निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कार्यदायी संस्था को जो कमियां शेष रह गई हैं उन्हें तत्काल पूरा करने का निर्देश दिया है।

इसके पहले उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं भगवान दास की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद कुलपति और शिक्षक अधिकारियों के साथ बैठक कर नियुक्ति प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से कराने के निर्देश दिए। कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया में किसी तरह की अनियमितता पर जिला विद्यालय निरीक्षक एवं प्रबंधक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
लिपिक भर्ती नए शासनादेश के तहत ही होगी उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि संस्कृत विद्यालयों में रिकॉर्ड शिक्षकों की भर्ती की गई। शिक्षक विहीन विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति कर शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार किया गया है। लिपिक भर्ती के संबंध में नया शासनादेश जारी किया गया है। लिपिक से संबंधित भर्ती नए शासनादेश के अंतर्गत ही की जाएगी।

शासनादेश के विरुद्ध भर्ती करने पर संबंधित के खिलाफ कड़ी विधिक कार्यवाही की जाएगी। बोर्ड परीक्षा में अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों को एक और अवसर उपहार के तौर पर दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अनुत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों को अंक सुधार के लिए एक अवसर दिया गया था, परंतु उसके पश्चात भी जो विद्यार्थी उत्तीर्ण नहीं हो पाए या परीक्षा नहीं दे पाए उनको एक और अवसर दिया जा रहा है।

फॉर्म ऑन-लाइन भरे जा रहे हैं। फार्म भरने की अंतिम तिथि 15 दिसंबर है। असिस्टेंट प्रोफेसर से एसोसिएट प्रोफेसर की पदोन्नति के संबंध में उन्होंने पूरी प्रक्रिया 15 जनवरी तक पूर्ण करने के आदेश दिए। इस दौरान उन्होंने काशी विश्वनाथ धाम यात्रा कार्यक्रम के दौरान उच्च एवं माध्यमिक शिक्षा के विभाग को दिए गए रंगोली, चित्रकला प्रतियोगिता व पुस्तक मेला आदि से संबंधित दायित्वों की भी समीक्षा कर संबंधित अधिकारियों को समयबद्ध एवं उच्च गुणवत्ता के साथ निस्तारण का निर्देश दिया है।

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