उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा-2022 की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन करा रहा

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा-2022 की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन करा रहा है। इसी अवधि में प्रायोगिक परीक्षाएं भी चल रही हैं। इनमें विषय के क्रम में शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। मूल्यांकन शुरू होने के पहले यूपी बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने परीक्षकों का विषय वार विवरण वेबसाइट पर विद्यालयों के माध्यम से अपलोड कराया था, ताकि मूल्यांकन कार्य में शिक्षकों को उनके विषय से इतर उत्तरपुस्तिकाएं न मिलें, लेकिन दुर्भाग्यवश कई स्थानों पर ऐसी स्थिति सामने आई है। 

स्थिति यह है कि शारीरिक शिक्षा विषय के शिक्षक की ड्यूटी हिंदी की उत्तरपुस्तिकाएं जांचने में लगा दी गई है तो वहीं संस्कृत की शिक्षिका को सामाजिक विज्ञान की उत्तरपुस्तिकाएं जांचने का काम मिल गया है। अब ये शिक्षक विषय के इतर उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कैसे करें। ऐसे में मूल्यांकन केंद्रों पर मूल्यांकन करने के बजाय ये त्रुटि को ठीक कराने की कोशिश में लगे हैं। यह स्थिति स्कूलों की ओर से वेबसाइट पर सूचनाएं गलत अपलोड करने के कारण हुई है। यूपी बोर्ड ने प्रधानाचार्यों को पोर्टल पर शिक्षकों का विषयवार ब्योरा अपडेट करके अपलोड करने का मौका बोर्ड परीक्षा दौरान दिया था। इसके बावजूद इस कार्य को कई विद्यालयों ने जिम्मेदारी के साथ पूरा नहीं किया। 

इस कारण कुछ विद्यालयों की ओर से किसी विषय के शिक्षक की फीडिंग दूसरे विषय में कर दी गई, जबकि उनकी नियुक्ति किसी और विषय पर हुई है। मूल्यांकन कार्य में आनलाइन ड्यूटी लगने पर यह समस्या तब सामने आई, जब शिक्षकों को उनकी ड्यूटी मिली। बोर्ड ने इस तरह की त्रुटि को प्रधानाचार्यों की लापरवाही माना है। एहतियातन ऐसी स्थिति आने पर विषय परिवर्तन करने का अधिकार जिला विद्यालय निरीक्षकों को दिया जा चुका है, ताकि मूल्यांकन कार्य प्रभावित न हो। सभी पांचों क्षेत्रीय कार्यालयों को दिशा निर्देश मूल्यांकन शुरू होने के समय ही जारी किए गए थे, जिसके संबंध में क्षेत्रीय अपर सचिवों की ओर से जिला विद्यालय निरीक्षकों को व्यवस्था बनाने के लिए कहा गया था।

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